सीहोर से उज्जैन तक ‘महाकाल सेवा संकल्प पदयात्रा’ का आगाज

अच्छी बारिश और जनकल्याण की कामना

सीहोर, अग्निपथ। शहर में लगातार तीसरी बार अच्छी बारिश, गौ सेवा, ग्रामीण उत्थान और जनकल्याण की मंगल कामना के साथ क्षेत्र की खुशहाली के उद्देश्य से ‘महाकाल सेवा संकल्प पदयात्रा’ शुक्रवार को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के लिए शुरू हुई। यह सात दिवसीय पैदल यात्रा आगामी 23 जुलाई, 2025 को सीवन और पार्वती नदियों के जल से भगवान महाकाल के अभिषेक के साथ उज्जैन में संपन्न होगी।

आस्था और जनसेवा का संगम

यह पदयात्रा सीहोर के प्रसिद्ध गणेश मंदिर से शुरू हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त और ग्रामीण एकत्रित हुए। यात्रा ने शुगर फैक्ट्री माता मंदिर, त्यागी बाबा आश्रम, पंचमुखी हनुमान मंदिर, कालका मंदिर पान चौराहा, छावनी स्थित सब्जी मंडी श्री सिद्ध हनुमान मंदिर, चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर, पिपलेश्वर महादेव मंदिर, मनकामेश्वर महादेव मंदिर, गंगेश्वर महादेव मंदिर नदी चौराहा, और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर जैसे विभिन्न धार्मिक स्थलों पर विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद यह यात्रा जताखेड़ा, अमलाहा और कोठरी होते हुए उज्जैन के महाकाल मंदिर की ओर अग्रसर हुई।

युवा समाजसेवी और करणी सेना का संयुक्त आयोजन

इस पदयात्रा का आयोजन युवा समाजसेवी आशीष गेहलोत और करणी सेना के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह ठाकुर सहित अन्य भक्तों द्वारा किया जा रहा है। यात्रा का मुख्य उद्देश्य जनकल्याण की भावना को बढ़ावा देना, क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली लाना, अच्छी बारिश के साथ-साथ नवीन फसल की अच्छी पैदावार की कामना करना है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हुई है, जिसमें गाय, गाँव और गरीब की सेवा पर विशेष जोर दिया गया है।

यात्रा में शामिल प्रमुख भक्तगण

इस पदयात्रा में सीहोर शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शिव भक्त शामिल हुए। पदयात्रा में शामिल प्रमुख लोगों में आशीष गेहलोत, ईश्वर सिंह ठाकुर, बबलू सिंह ठाकुर, अमृत लाल मेवाड़ा, हरीश चंद्र आर्य, प्रकाश नागर, मीतेश कुमार राठौर, ईश्वर सिंह सिसोदिया, नितिन महेश्वरी, नरेंद्र सिंह चंद्रभान, मनोहर सिंह परमार, महेश सिंह परमार, सुरेश सिंह परमार, हर्षित परमार, कमलेश परमार, विश्वजीत सिंह ठाकुर, और भूपेंद्र सिंह राजपूत जैसे नाम प्रमुख हैं। इन सभी का दृढ़ विश्वास है कि भगवान महाकाल की कृपा से क्षेत्र में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी। यह पदयात्रा स्थानीय लोगों के लिए आस्था और सामूहिक प्रार्थना का एक अनूठा अवसर बन गई है।

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