धार के पीजी कॉलेज में खाली पड़ी सीटें, छात्र ले रहे व्यावसायिक कोर्सों में रुचि

 

धार, अग्निपथ. धार के प्रमुख पीजी कॉलेज में इस साल प्रवेश प्रक्रिया धीमी पड़ गई है, जिससे कई सीटें खाली रह गई हैं। तीन राउंड और एक सीएलसी (कॉलेज लेवल काउंसलिंग) चरण के बावजूद, स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) दोनों स्तरों पर बड़ी संख्या में सीटें रिक्त हैं। खास बात यह है कि इस साल शुरू हुए नए कोर्स बीकॉम इन रिटेल ऑपरेशन और एमए हिस्ट्री में भी विद्यार्थियों की रुचि न के बराबर दिख रही है।

परंपरागत कोर्सों से घटता रुझान

उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए युवाओं का रुझान अब परंपरागत कोर्सों की बजाय व्यावसायिक ट्रेडों की ओर बढ़ रहा है। यही वजह है कि सरकारी कॉलेजों में प्रवेश का आंकड़ा साल-दर-साल घटता जा रहा है। धार जिला मुख्यालय स्थित प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में भी प्रवेश की स्थिति कमजोर है, जहां शुरुआती तीन चरणों के बाद 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली रह गई हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब सीएलसी राउंड के बाद भी इतनी सीटें रिक्त हैं।

खाली सीटों के लिए अतिरिक्त चरण शुरू

कॉलेज प्रबंधन अब इन खाली सीटों को भरने के लिए बुधवार से अतिरिक्त चरण शुरू कर चुका है, जो 31 जुलाई तक जारी रहेगा। जिले के सबसे बड़े और अग्रणी पीएमश्री कॉलेज में शुरुआती तीन चरणों के बाद स्नातक में 1759 और स्नातकोत्तर में 860 सीटें रिक्त हैं। पहले इस कॉलेज में सीटों की कमी पड़ जाती थी और विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए धरना तक देना पड़ता था, लेकिन इस वर्ष अभी तक आधी सीटें ही भर पाई हैं।

नई प्रवेश प्रक्रिया बन रही समस्या का कारण?

आमतौर पर पीजी कॉलेज में सीट बढ़ाने की मांग होती थी, लेकिन इस बार ऐसी कोई स्थिति नहीं है, सभी संकायों में सीटें रिक्त हैं। महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि कम एडमिशन की एक वजह नई प्रवेश प्रक्रिया भी हो सकती है। पहले एमपी ऑनलाइन के जरिए प्रवेश होते थे, लेकिन इस बार उच्च शिक्षा विभाग इनफिनिटी इंफोवाट एजेंसी के जरिए प्रवेश प्रक्रिया कर रहा है, जिसे समझने में विद्यार्थियों को भी दिक्कत आ रही है।

पहले राउंड में विद्यार्थियों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई थी, और दूसरे व तीसरे राउंड के बाद भी कई सीटें खाली हैं। हालांकि, दूसरे सीएलसी राउंड के बाद खाली सीटों पर प्रवेश बढ़ने की उम्मीद है।

सर्वाधिक सीटें बीए, बीकॉम और एमकॉम में खाली

कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, 15 मई से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हुई थी। स्नातक में बीए की 1470 सीटों की तुलना में केवल 665 एडमिशन हुए हैं, जिससे 805 सीटें खाली हैं। इसी प्रकार, बीकॉम प्लेन की 530 सीटों में से केवल 229 भरी हैं और 301 खाली हैं। स्नातकोत्तर कोर्स में एमकॉम की 170 सीटों में से 123 सीटें अभी तक नहीं भरी हैं।

अतिरिक्त चरण में प्रतिदिन अलॉट होगी सीट

जिन छात्रों का कॉलेज में अब तक प्रवेश नहीं हुआ है, उनके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने एक और मौका दिया है। अतिरिक्त सीएलसी चरण बुधवार से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा। जिन छात्रों ने कॉलेज के लिए पंजीकरण कराया है, उन्हें च्वाइस फिलिंग करनी होगी। 24 घंटे के अंदर छात्र को सीट अलॉट हो जाएगी। जब तक छात्र का नाम प्रवेश सूची में नहीं आता, उन्हें बार-बार च्वाइस फिलिंग करनी होगी। जिन छात्रों ने अब तक प्रवेश के लिए आवेदन नहीं किया है, वे भी आवेदन कर सकते हैं। प्रतिदिन सीट अलॉट होगी। सीट अलॉट होने के 24 घंटे के अंदर छात्र को प्रवेश शुल्क जमा करना होगा, अन्यथा उसका प्रवेश मान्य नहीं होगा।

नए विषयों में भी नहीं दिख रही रुचि

महाविद्यालय में नए शुरू हुए दोनों विषयों – बीकॉम इन रिटेल ऑपरेशन (60 सीटें) और एमएसडब्ल्यू (80 सीटें) – में भी सीटें खाली हैं। बीकॉम इन रिटेल ऑपरेशन में सिर्फ 1 विद्यार्थी ने प्रवेश लिया है, जबकि एमएसडब्ल्यू में भी केवल 1 विद्यार्थी ने ही प्रवेश लिया है। कुल मिलाकर, यूजी में 3090 सीटें हैं जबकि पीजी में 1271 सीटें हैं। अब तक यूजी में 1759 और पीजी में 860 सीटें रिक्त हैं। अतिरिक्त चरण में छात्र-छात्राओं का एक दिन में ही चयन, सत्यापन और मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। मेरिट में नाम आते ही छात्र-छात्राओं को 24 घंटे के अंदर फीस जमा करनी होगी।

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