सावन में भी धार प्यासा: मानसून की बेरुखी से उमस जारी

बंगाल की खाड़ी से जगी अच्छी बारिश की उम्मीद

धार, अग्निपथ। जिले में पिछले एक सप्ताह से आसमान में बादल तो छा रहे हैं, लेकिन झमाझम बारिश न होने से उमस और गर्मी से लोग बेहाल हैं।  सावन का महीना लगने के बावजूद मानसून की बेरुखी साफ दिख रही है, जिससे इस सप्ताह 1 मिमी बारिश भी दर्ज नहीं की गई। सावन में भी धार प्यासा है। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की ओर इशारा कर रही है, जहां दशकों से सावन में होने वाली झमाझम बारिश अब दूर की कौड़ी लग रही है।

मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में एक मानसून ट्रफ गुजर रही है, जिसके चलते संभाग में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बारिश का आंकड़ा औसत से काफी कम

जिले में इस सप्ताह 1 मिमी भी बारिश दर्ज नहीं हुई है। 18 जुलाई, सोमवार तक जिले में कुल 273 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जबकि शुक्रवार तक सीजन की कुल बारिश 10 इंच ही दर्ज की गई है। 10 जुलाई से बारिश का दौर लगभग थमा हुआ है। जिले में औसत बारिश का कोटा अभी तक केवल 10 फीसदी ही पूरा हुआ है। जून से शुरू हुए बारिश के मौसम में धार में अभी तक कुल 10 इंच (273 मिमी) बारिश हुई है, जबकि जुलाई माह में एक भी मिमी बारिश दर्ज नहीं हुई, जो जुलाई माह की औसत वर्षा 235 मिमी (करीब 9 इंच) से काफी कम है। जिले को अभी जुलाई माह के शेष दिनों में 10 इंच वर्षा का इंतजार है।

बंगाल की खाड़ी से जगी उम्मीद

बंगाल की खाड़ी में एक नया मानसूनी सिस्टम बन रहा है, जिससे तेज बारिश की उम्मीद जगी है। यह सिस्टम पहले चक्रवाती घेरे में बदला था और अब यह दोबारा कम दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) बन रहा है। उम्मीद है कि यह सिस्टम सोमवार को फिर से सक्रिय होगा, जिसके असर से जिले में भारी बारिश हो सकती है मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में 7.6 किमी की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा सक्रिय है, जो सोमवार को फिर से लो प्रेशर एरिया में बदल सकती है।

मानसून ट्रफ लाइन बीकानेर, ग्वालियर, बांदा, सीधी, जमशेदपुर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। ओडिशा के पास भी एक चक्रवाती घेरा बन रहा है, जिसके लो प्रेशर में बदलने की संभावना है।

रातें भी हो रही हैं गर्म

सावन में भी दिन के साथ-साथ रातें भी गर्म होने लगी हैं, जिससे लग रहा है कि बारिश के बादलों के साथ हवाओं ने भी अपना रुख मोड़ लिया है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जुलाई माह के पिछले 10 दिनों में पांच से अधिक बार तापमान 29 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक दर्ज हुआ है। वैसे जुलाई माह का औसत अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस रहता है। धार में 12 जुलाई 1966 को अधिकतम तापमान 39.9 डिग्री दर्ज हुआ था, जो आज तक का एक रिकॉर्ड है।

1965 और 1966 में पड़ा था सूखा

धार जिले ने 1965 और 1966 में लगातार सूखे का सामना किया था। इन्हीं दो सूखे के वर्षों के कारण धार में नर्मदा जल लाने की आवश्यकता महसूस हुई थी। जुलाई माह के पिछले एक दशक के इतिहास को देखें तो बारिश 10 जुलाई के बाद ही अधिक दर्ज की गई है। इस पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है।

मौसम विभाग के जीएस गठिया के अनुसार, प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में मानसून अच्छा सक्रिय है, लेकिन पश्चिमी क्षेत्र, जिसमें मालवा-निमाड़ आता है, यहां मौसम का केंद्र बिंदु निर्मित नहीं हो पाया है। अरब सागर में भी कोई सिस्टम नहीं बन पा रहा है, जिसके प्रभाव से इस क्षेत्र में वर्षा हो। हालांकि, उमस के कारण कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। बंगाल की खाड़ी से चला मानसूनी सिस्टम एक-दो दिन में शहर और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना बना रहा है।

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