सीहोर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का ‘हल्ला बोल’ प्रदर्शन, ठप रहा काम

सीहोर, अग्निपथ. सोमवार को सीहोर जिले की आंगनवाड़ियों में ताले लटके रहे, जिससे बच्चे पोषण आहार से वंचित रह गए। सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट में इकट्ठा होकर पोषण ट्रैकर ऐप के फेस कैप्चर सिस्टम और बढ़ते ऑनलाइन कार्य के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन की शुरुआत बस स्टैंड स्थित गीता भवन से हुई, जहाँ सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे का धरना दिया गया। आंगनवाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष ऊषा राठौर ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को उनके अधिकारों और सरकार की नीतियों के प्रति जागरूक किया।

कलेक्ट्रेट तक निकाली विरोध रैली, ज्ञापन सौंपा

गीता भवन से एक भव्य विरोध रैली निकाली गई। जिले भर से आईं वर्दीधारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने बैनर-पोस्टर और ज़ोरदार नारेबाजी के साथ कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। उन्होंने अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर स्वाति मिश्रा को सौंपा।

ऑनलाइन कार्य से गुणवत्ता में गिरावट का आरोप

जिलाध्यक्ष ऊषा राठौर ने बताया कि 1975 से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएँ महिला एवं बाल विकास विभाग में लगातार सेवाएँ दे रही हैं। उनका मुख्य कार्य मृत्यु दर कम करना, कुपोषण दूर करना, महिलाओं को स्वास्थ्य शिक्षा देना और बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग और अन्य विभागों के अत्यधिक कार्यभार के साथ-साथ नए-नए ऐप और ऑनलाइन निगरानी के कारण कार्य की गुणवत्ता सुधरने की बजाय बिगड़ रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे दुगना काम कर रही हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी के सही उपयोग न होने से उनकी प्रस्तुतियाँ खराब हो रही हैं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रमुख मांगें:

  • देशभर की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित किया जाए।
  • न्यूनतम पेंशन दी जाए।
  • कम से कम 10 वर्ष का अनुभव रखने वाली पात्र सहायिकाओं को पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दी जाए।
  • कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को विभाग के कार्यों के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य में न लगाया जाए।
  • अन्य विभागों की नियुक्ति परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक दिए जाएँ।
  • बच्चों को रुचिकर और पौष्टिक आहार दिया जाए।
  • पोषण ट्रैकर ऐप में नेटवर्क की समस्या और फेस कैप्चर की दिक्कत खत्म की जाए।
  • विभाग द्वारा दिए गए मोबाइल की मेमोरी कम होने और रिचार्ज का खर्च स्वयं वहन करने के कारण मोबाइल खरीदने के लिए खाते में राशि दी जाए और नेट पैक का पैसा दिया जाए।
  • सेवानिवृत्ति या सेवाकाल में मृत्यु होने पर परिवारजनों को आर्थिक सहायता दी जाए।

प्रदर्शन में इनकी रही भागीदारी:

इस प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख अनिल शर्मा, विनोद बोयत, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ जिलाध्यक्ष उषा राठौर, सचिव रजनी विश्वकर्मा सहित याशिता धीमान, डाली कुशवाह, तबस्सुम, गिराज मौर्य, दीपमाला, महादेवी वर्मा, बबीता, रानी श्रीवास्तव, पुष्पा तिवारी, सारी जैन, अनीता मेवाड़ा, आशा मेवाड़ा, मनीषा राठौर, सविता गुप्ता, सीता प्रजापति, दीपा गोटिया, मधु चौहान, पूजा, अबुना, रीना, तरुणा, अनीता सहित बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएँ शामिल थीं।

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