पार्षद ने ही की आयुक्त से शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। धर्मनगरी उज्जैन की कई गलियों और मोहल्लों में इन दिनों अंधेरा पसरा हुआ है। नगर निगम के प्रकाश विभाग के कर्मचारियों, खासकर स्ट्रीट लाइट के रखरखाव का काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों की घोर लापरवाही के कारण शहर की कई कॉलोनियों की स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। नागरिकों ने इसकी शिकायतें कंट्रोल रूम में भी दर्ज कराई हैं, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ठेकेदार ने छोड़ा काम, अब नगर निगम पर आया बोझ
स्ट्रीट लाइटों की खरीद का ठेका नगर निगम (स्मार्ट सिटी) द्वारा ईईएसएएल (EESL) कंपनी को दिया गया था, जिसने अब अपने काम से हाथ खींच लिया है। इस वजह से स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का पूरा जिम्मा अब नगर निगम को अपने स्तर पर उठाना पड़ रहा है। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब यह पता चलता है कि खरीदी गई कई स्ट्रीट लाइटें घटिया गुणवत्ता की थीं, जिसके कारण शहर के कई इलाकों में अंधेरा छा गया है।
इस खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जाँच के लिए एक समिति भी गठित की गई थी, जिसमें उपायुक्त और जांच समिति सचिव योगेंद्र पटेल, जांच समिति अध्यक्ष दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी, और सदस्य शिवेंद्र तिवारी, योगेश्वरी राठौर, जितेंद्र कुंवाल और सुगन वाघेला शामिल हैं।
हैरानी की बात यह है कि स्ट्रीट लाइट का रखरखाव स्मार्ट सिटी को करवाना था, लेकिन निगम को अपने मद से इस पर खर्च करना पड़ रहा है। अभी तक निगम इस पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च कर चुका है, जो सीधे तौर पर जनता के पैसे की बर्बादी है।
स्ट्रीट लाइट जांच समिति के सदस्य ने ही की शिकायत
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, वार्ड-6 के पार्षद और स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच समिति के सदस्य शिवेंद्र तिवारी ने नगर निगम आयुक्त को एक शिकायत पत्र दिया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि नगर निगम उज्जैन के प्रकाश विभाग के दो अलग-अलग जोनों में आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा पथ प्रकाश व्यवस्था का रखरखाव किया जाता है।
लेकिन यह जानकारी सामने आई है कि ये कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं और काम पर अनुपस्थित रहते हैं। तिवारी ने अपने वार्ड की बंद स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने की शिकायत की थी, जिस पर पता चला कि लगातार कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं, और जो आ भी रहे हैं वे काम करने में सक्षम नहीं हैं।
पार्षद ने पत्र में लिखा कि ऐसी स्थिति में पथ प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने आयुक्त से अनुरोध किया है कि आउटसोर्सिंग वाली कंपनी के ज़िम्मेदारों को नोटिस देकर काम को तुरंत दुरुस्त करवाया जाए और उनके वार्ड सहित पूरे शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था को ठीक किया जाए। इस शिकायत के बाद उम्मीद की जा रही है कि निगम प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और जल्द ही शहर को अंधेरे से मुक्ति मिलेगी।