7 महीने में 7 करोड़ रूपए वसूलने के लिए 22 इंजीनियर तैनात

जलकर की वसूली के मामले में बरती जाएगी सख्ती

उज्जैन, अग्निपथ। जलकर वसूली के मामले में अब नगर निगम (पीएचई) का अमला सख्ती बरतेगा। जलकर की वसूली के लिए नगर निगम आयुक्त ने 3 सहायक यंत्री और 22 उपयंत्रियों की टीम को मैदान में उतारा है। शहर को तीन हिस्सों में बांटकर तीन सहायक यंत्रियों की तैनाती की गई है। प्रत्येक टीम को हर महीने का टागरेट पूरा करना है, टारगेट से पीछे रहे तो उस महीने की तनख्वाह नहीं मिलेगी। सभी को मिलकर 7 महीने में 7 करोड़ 70 लाख रुपए की वसूली करना है।

जलकर की वसूली के मामले में उज्जैन में शुरुआत से ही ढिलाई बरती जाती रही है। शहर में ऑन रिकार्ड जितने नल कनेक्शन है, मौके पर इनकी संख्या उससे कहीं अधिक है। जो कनेक्शन वैध है उनका भी पूरा राजस्व पीएचई को नहीं मिल पाता है। नतीजा हर साल पीएचई वसूली में पिछड़ जाता है। अब आयुक्त ने बकाया वसूली के काम में तकनीकी अधिकारियों की भी तैनाती कर दी है। तीन टीमों में 22 उपयंत्रियों को वसूली के काम में लगाया गया है। एक-एक सहायक यंत्री प्रत्येक टीम का लीडर होगा। हर उपयंत्री को अपने प्रभार वाले इलाके से हर महीने 5 लाख रूपए की वसूली करना है। लगातार 7 महीनों तक बकाया वसूली का अभियान चलेगा, यानि हर उपयंत्री को अपने हिस्से के 35 लाख रूपए वसूलकर जमा कराना होंगे।

सहायक यंत्री और उनकी टीम

व्हाय.के. निगम, उज्जैन दक्षिण〈 टारगेट हर महीने〉 50 लाख, 7 महीनों में 3.50 करोड़- आर.पी. गौड़, मनोज खरात, अशोक रघुवंशी, प्रहलाद मेहर, ओ.पी. सिसोदिया, संतोष दायमा, आर.के. गोठवाल, दिलीप नोधाने, प्रहलाद मावर, दिलीप रायकवार।

राजीव शुक्ला, उज्जैन उत्तर〈टारगेट हर महीने〉 40 लाख, 7 महीनों में 2.80 करोड़ – के.के. नागदेवानी, कमलेश कजोरिया, मानसिंह राजपूत, आशीष जाधव, खुमानसिंह भाबर, दिलीप नौधाने, प्रहलाद मेहर, मिथिलेश त्रिवेदी।

राजीव गायकवाड़, अन्य क्षेत्र〈टारगेट हर महीने〉 20 लाख, 7 महीने में 1.40 करोड़ – एस.के. लाड़, सुभाष मुवेल, दयाराम चौहान, हरिनारायण ऐरवाल।

घर-घर करना होगा सर्वे
सभी उपयंत्रियों और सहायक यंत्रियों को आयुक्त क्षितिज सिंघल ने निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र में बिल वितरक के साथ डोर टू डोर संपर्क करे। बकाया वसूलने के लिए उपभोक्ताओं से बात करे। यदि कहीं अवैध नल कनेक्शन पाया जाता है तो उसे तत्काल नियमित करने के लिए कहा जाए। यदि कनेक्शन नियमित नहीं हो पा रहा है तो उसे कटवा दे। आयुक्त ने सभी उपयंत्रियों को चेताया है कि यदि बिल वसूली में कहीं पिछड़े तो उस महीने की तनख्वाह नहीं मिलेगी।

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