2019 में पहली बार मिला था, इस बार भी मानकों पर खरी व्यवस्थाएं, प्रमाण पत्र नवीनीकरण हुआ,
यह प्रमाण पत्र मिलने के पहले एफएसएसएआई ने महाकाल मंदिर पहुंचकर लड्डू और भोजनशाला का कई पहलुओं पर ऑडिट किया था। यह प्रमाण पत्र मिलने के बाद यहां मिलने वाले लड्डू प्रसाद और अन्न क्षेत्र में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता प्रमाणित हो गई है। कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति श्री आशीष सिंह द्वारा भोग एवं अन्नक्षेत्र से जुड़े हुए सभी अधिकारी कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी गई है।
प्रदेश का पहला मंदिर है जिसे सबसे पहले ये सर्टिफिकेट मिला –
प्रदेश में महाकाल मंदिर पहला ऐसा मंदिर है, जिसे एफएसएसएआई ने 2019 में यह प्रमाण पत्र जारी किया था। इसके बाद इंदौर के खजराना गणेश मंदिर और फिर सतना के प्रमुख शक्तिपीठ मां शारदा मंदिर मैहर को यह प्रमाण पत्र मिल चुका है।
यह है सेफ भोग सर्टिफिकेट
भोग यानी ‘ब्लिसफुल हाइजिनिक ऑफरिंग टू गॉड’ यानी भगवान को दिया जाने वाला मधुर और स्वस्थप्रद भोजन। देश के धार्मिक स्थलों पर दर्शनार्थियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित भोग प्रसाद एवं भोजन मिलें, इसके लिए ‘भोग” टैग देने की शुरुआत की गई। सेफ भोग प्लेस परियोजना में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित निशुल्क अन्नक्षेत्र, लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई एवं निकटतम खाद्य प्रतिष्ठानों को सम्मिलित किया गया है।