हर क्षेत्र में बोर्ड लगे, आम लोग आसानी से संपर्क कर सकेंगे पुलिस से
उज्जैन,अग्निपथ। विभाग में कसावट लाने के लिए एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने सोमवार से फिर जिले में बीट प्रणाली शुरू कर दी। इसके चलते अब थाने के आरक्षक तक की जिम्मेदारी तय हो गई है। इस कार्य पद्धति के कारण पुलिस को माइक्रो लेवल पर जानकारी तो होगी ही हर जगह बोर्ड पर संबंधित अधिकारियों के संपर्क नंबर होने से लोग भी उनसे आसानी से संपर्क कर सकेंगे।
ऐसे तो बीट प्रणाली काफी समय से प्रचलित है,लेकिन प्रभावी नहीं होने के कारण शिथिल हो गई थी। लेकिन आईजी संतोष सिंह के आदेश पर एक बार फिर एसपी शुक्ल ने सोमवार से जिले में यह प्रणाली शुरू कर दी। प्रत्येक थाने के क्षेत्रफल व आबादी के हिसाब से बीट की संख्या तय कर आरक्षक व प्रधान आरक्षक को बीट अधिकारी और एएसआई व एसआई को प्रभारी बनाया गया है। इसके चलते अब क्षेत्र की जिम्मेदारी बीट अधिकारी व प्रभारी की होगी और चूक होने पर उनसे ही जवाब तलब होगा। वहीं आम आदमी को संपर्क करने में परेशानी न हो इसलिए सभी जगह बोर्ड लगाना शुरू कर दिए है। बोर्ड व फ्लेक्स पर बीट अधिकारी, प्रभारी व टीआई के साथ पुलिस कंट्रोल रूम, शांतिदूत हेल्पलाईन व वाट्सअप व महिलाओं के लिए वी केयर फॉर यू के नंबर भी अंकित किए गए है।
अपराधों पर लगेगा अंकुश
बीट अधिकारी और प्रभारी को उनके क्षेत्र के व्यवसायी, प्रतिष्ठान, लाइसेंसी हथियारधारी, समाज सेवी के साथ असामाजिक तत्वों की भी सुक्ष्म जानकारी रखना होगी। क्षेत्र में घटना दुर्घटना होने या अपराधी के छिपे होने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी भी बीट अधिकारियों की होगी। बीट प्रणाली अनुसार कार्य से अवैध धंधों पर तो अंकुश लगेगा ही अपराध होने पर पुलिस को तुरंत जानकारी भी मिल पाएगी। वहींं कोई बदमाश अन्य जगह घटना करता है तो उसे तलाशना भी आसान होगा।
ऐसे हुई शुरुआत
ऐसे तो बीट प्रणाली प्रदेश में अधिकांश जिलों में लागू है। जिले में भी काफी समय पहले बीट प्रणाली तय की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह बंद हो गई, लेकिन आईजी संतोष सिंह ने आने के बाद जीवाजीगंज थाने का निरीक्षण किया और टीआई गगन बादल को बीट प्रणाली अनुसार कार्य करवाते देख सराहना की और इसी के बाद पूरे जोन में फिर बीट पद्धति शुरू करने के आदेश दे दिए।
इनका कहना है
बीट सिस्टम पहले से है,लेकिन प्रभावी नही होने पर पुन: शुरू कर दिया है। इसके चलते आरक्षक के पास क्षेत्र की सूक्ष्म जानकारी भी रखना होगी और उनकी जिम्मेदारी भी तय होगी। जिले में हर गली मोहल्ले व गांवों में भी बोर्ड लगाए जा रहे है। -सत्येंद्र कुमार शुक्ल,एसपी