बगैर खाते व डिफाल्टर किसानों को सहकारी संस्थाओं से अब नकद में भी खाद नहीं मिलेगा

झाबुआ । रबी सीजन की बोवनी का समय शुरू हो चुका है। किसान खरीफ फसलों की कटाई के बाद गेहूं-चने की बोवनी में लगे हैं। इस बार 111.17 हजार हेक्टेयर में रबी फसलों की बोवनी होना है। लेकिन इससे पहले किसानों के लिए एक ओर चिंताजनक खबर आई है। जिला सहकारी बैंक ने आदेश जारी किया है कि जो किसान आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं के खाताधारक नहीं हैं और वे किसान जो डिफाल्टर हैं, उन्हें संस्थाओं से नकद खाद भी नहीं मिलेगा। ऐसे में किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं।

किसानों का कहना है कि सोसायटियों से उन्हें खाद नहीं मिलेगा तो बाजार से मंहगे दामों पर खरीदना पड़ेगा। इससे उनकी लागत बढ़ेगी। गौरतलब है कि जिले में जिला सहकारी बैंक से झाबुआ की कुल 46 सोसायटी और आलीराजपुर की 26 सोसायटियां जुड़ी हैं। जिले में लगभग 1.14 लाख कुल किसान हैं, इनमें से 90 हजार सोसायटियों के खाताधारक हैं। जिलेभर में करीब 10 हजार किसान डिफाल्टर हो चुके हैं। इन किसानों पर ओवर ड्यू है।

पेटलावद क्षेत्र में 13 सोसायटियां हैं, जिनमें 220 चालू खाताधारक हैं और लगभग 700 किसान डिफाल्टर हैं। आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था के प्रबंधक लक्ष्मी नारायण पाटीदार ने बताया कि अगर किसान ऋण अदायगी भी कर देता है तो यह उसे खाद का परमिट मिलेगा।

कई किसान वर्तमान स्थिति में एक एकमुश्त ऋण भरने में असमर्थ हैं। किसानों ने कहा कि बाजार से ऊंचे भाव पर खाद क्रय करना पड़ेगा। पेटलावद के विपणन सहकारी संस्था में 1 हेक्टेयर भूमि पर 5 बोरी खाद नकद से भी दिया जा रहा है। दूरस्थ ग्रामीणों को दो चार बोरी खाद के लिए अपने क्षेत्र की सरकारी संस्था छोडक़र पेटलावद की विपणन सहकारी संस्था में खाद लेने आना पड़ रहा है।

सहकारी बैंक से हमें खाद देने के आदेश नहीं

जिला सहकारी बैंक द्वारा खाद वितरण संबंधी पत्र के अनुसार नगर से खाद्य वितरण नहीं करने के निर्देश दिए हैं। संजय त्रिपाठी, खाद वितरण प्रभारी, आदिम जाति सहकारी संस्था, पेटलावद खाद का पर्याप्त स्टॉक है ‘जिले में खाद का स्टॉक पर्याप्त है, जिला सहकारी बैंक से जो आदेश हुए हैं वे शासन के निर्देशानुसार हैं। – हेमंत नीमा, प्रभारी मार्केटिंग कक्ष, झाबुआ

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