विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्यों ने सुनी छात्रों की समस्याएं
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के सदस्यों ने बुधवार को संवाद से समाधान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार हुई इस तरह की परिचर्चा में संभागभर से आए चुनींदा विद्यार्थियों ने कई तरह की समस्याएं बताई।
ऐसे भी उदाहरण सामने आए जिनमें विद्यार्थी की मार्कशीट में हुई छोटी सी त्रुटि को सुधरवाने के लिए विद्यार्थी 200 किलोमीटर का सफर कर विश्वविद्यालय तक आए, दो-दो महीने में ऐसे कई बार चक्कर लगाए तब कहीं जाकर गलती सुधर पाई।
विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के वर्तमान सदस्यों ने विवि के कार्यक्षेत्र में आने वाले विभिन्न जिलों के विद्यार्थियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकी मानिटरिंग के लिए संवाद से समाधान परिचर्चा का आयोजन किया था।
बुधवार दोपहर विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित परिचर्चा में संभाग के सभी जिलों से 15-15 और उज्जैन शहर से करीब 30 विद्यार्थी शामिल हुए। कार्यपरिषद के सदस्य डा. गोविंद गंधे, सचिन दवे, राजेश सिंह कुशवाह, संजय नाहर, विनोद यादव, ममता बैंडवाल ने विद्यार्थियों की समस्याओं को जाना। कुछ विद्यार्थियों को तो तत्काल ही विभागाध्यक्षों को समस्या के हल के लिए आवेदन करने को कहा।
तीन स्तर पर हुई संवाद से समाधान परिचर्चा के तहत विवि प्रशासन द्वारा 188 कॉलेज में मेल भेजकर विद्यार्थियों से विवि से संबंधित समस्याओं की जानकारी मांगी गई। जिलास्तर पर लीड कॉलेज प्राचार्य की अगुवाई में भी संवाद हुआ और अब बुधवार को संभागस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया।
हर जिले में एकल खिडक़ी का प्रस्ताव
विक्रम विवि कार्यपरिषद सदस्य सचिन दवे के मुताबिक परिचर्चा में ऐसे कई उदाहरण सामने आए है जिनमें नीमच, आगर, मंदसौर के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थी मार्कशीट की साधारण सी त्रुटी या मिसप्रिंट की वजह से महीनों तक परेशान होते रहे।
कार्यपरिषद की अगली बैठक में विवि कार्यक्षेत्र के प्रत्येक जिला मुख्यालय की किसी एक कॉलेज में विवि की एकल खिडक़ी खोलने का प्रस्ताव रखा जाएगा। विवि से संबंधित विद्यार्थियों की समस्याएं उनके गृह जिले में ही एकल खिडक़ी सेवा के माध्यम से हल हो जाए ऐसे प्रयास किए जांएगे।