आयुर्वेद के जूनियर डॉक्टर्स ने मुख्यमंत्री को भेजे पोस्टकार्ड-नुक्कड़ नाटक कर बताई अपनी पांच सूत्रीय मांगे
उज्जैन, अग्निपथ। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने 2 मार्च को मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजे। पत्र में जूनियर डॉक्टरों ने लिखा कि प्रिय मामाजी आपके रहते आपके भांजे भांजी आयुर्वेद चिकित्सक परेशान क्यों हैं।
डॉ शुभम त्रिपाठी ने बताया कि सभी जूनियर डॉक्टर्स ने मुख्यमंत्री, मामाजी को अपनी समस्याओं अर्थात पंचसूत्रीय माँगे बताते हुए पोस्टकार्ड लिखा और अनुरोध किया कि मामा जी जल्द से जल्द समस्याओं को निराकरण करें। साथ ही विगत कई वर्षों से चली आ रही विभागीय एवं विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में विसंगतियों के कारण आयुर्वेद छात्र एवं चिकित्सक पीजी स्कॉलर ने कॉलेज एवं चिकित्सालय परिसर में नाटक नुक्कड़ के माध्यम से अपनी पंचसूत्रीय मांगों को प्रदर्शित किया गया।
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि हमारी हड़ताल जब तक सरकार लिखित रूप में ऑर्डर नही देती हैं, तब तक जारी रहेगी। आयुर्वेद जूनियर चिकित्सकों की मांग है कि उच्च न्यायलय ने हमारी शिष्यवृत्ति एलोपैथी चिकित्सा के समान अधिकार देने का आदेश 2019 में ही दे दिया है। जिसका पालन राज्य सरकार द्वारा अभी तक नही किया गया है।
मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा सेकंड क्लास अधिकारी की भर्ती हेतु निकाली गई विज्ञप्ति में असंवैधानिक रूप से संविदा कर्मियों को 67.5 मार्क्स (15 प्रतिशत) बोनस के रूप में दिए जा रहे है जबकि लोकसेवा आयोग द्वारा हाल ही में निकाली गई अन्य विभाग की परीक्षा में किसी भी प्रकार का बोनस मार्क्स का प्रावधान नहीं है, केवल आयु में छूट का प्रावधान है।
एमपीएमएसयू द्वारा 2 वर्ष में लगभग 70 बार परीक्षाएं स्थगित की गई जिससे बीएएमएस डिग्री में 1.5 से 2 वर्ष का विलंब हो गया है। अत: अभी स्वतंत्र आयुष शाखा भोपाल में स्थापित हो एवं आगे स्वतंत्र आयुष यूनिवर्सिटी (उप्र के समान) की स्थापना जल्द से जल्द की जाए।
कोरोना काल में बीएएमएस डॉक्टर्स ने अपनी जान जोखिम में डाल कर एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ जन स्वार्थ के लिए कार्य किया था। लेकिन काम निकलते ही सरकार ने वापस अपने हाल पर छोड़ दिया। अत: बीएएमएस डॉक्टर्स को सशर्त अत्यायिक चिकित्सा का अधिकार मिले। 2013 में जनसंकल्प में घोषित 1000 औषधालय जल्द से जल्द खोले जाए।