विक्रम के मैदान को संवारेगी एमपी क्रिकेट एसोसिएशन

5 साल के लिए साईन होगा एमओयू, गुड़ी पड़वा पर होगा दीक्षांत समारोह

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर के खेल मैदान को अब मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के माध्यम से खेलों के लायक बनाया जाएगा। एमपी क्रिकेट एसोसिएशन, संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन और विक्रम विवि के बीच खेल मैदान को संवारने के लिए एमओयू साईन किया जाएगा।

विक्रम विवि 5 साल की अवधि के लिए क्रिकेट एसोसिएशन को मैदान सौंपेगी। स्टेडियम पर खर्च एमपी क्रिकेट एसोसिएशन करेगी और आयोजनों से जो आय होगी उसका निश्चित हिस्सा विक्रम विवि को भी दिया जाएगा।

विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है। दोपहर करीब 12 बजे से आंरभ हुई कार्यपरिषद की बैठक 2.30 बजे तक चली। एमपी क्रिकेट एसोसिएशन इससे पहले नानाखेड़ा स्टेडियम की जमीन को लेने के लिए प्रयासरत था। किन्हीं वजहों से प्राधिकरण और क्रिकेट एसोसिएशन के बीच पटरी नहीं बैठ पाई।

विक्रम विवि के खेल मैदान का अभी भी क्रिकेट प्रेक्टिस के लिए ही उपयोग होता है। कुछ निजी क्लब कोच यहां मोटी रकम लेकर खिलाडिय़ों को प्रेक्टिस कराते है। विक्रम विवि के कुलानुशासक प्रो. शेलेंद्र शर्मा के मुताबिक एमपी क्रिकेट एसोसिएशन और विक्रम विवि के बीच एमओयू की शर्ते लगभग तय हो चुकी है।

विक्रम विवि 5 साल की अवधि के लिए खेल मैदान एमपी क्रिकेट एसोसिएशन को सौपेंगा। कार्यपरिषद् की बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा की गई। बैठक में राजेश सिंह कुशवाह, सचिन दवे, ममता बैण्डवाल, विनोद यादव, संजय नाहर, डॉ. लक्ष्मीनारायण शर्मा, डॉ. दीपिका गुप्ता, डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. पी.के. वर्मा, डॉ. सोनी, डॉ. गोविन्द गन्धे, डॉ. आर. सी. जाटवा, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा सुषमा ठाकुर एवं कुलसचिव डॉ. प्रशान्त पुराणिक उपस्थित थे।

कार्यपरिषद के अहम निर्णय

  • विक्रम विवि द्वारा आयोजित किये जाने वाले 26 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
  • विश्वविद्यालय के नव निर्मित छात्रावास भवन का नाम स्व. शालिगराम तोमर के नाम पर किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • विक्रम विश्वविद्यालय के खेल मैदान के विकास एवं प्रबन्धन हेतु म.प्र. क्रिकेट एसोसिएशन एवं संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन के मध्य विभिन्न शर्तों के अन्तर्गत एमओयू किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण कार्य के अन्तर्गत विक्रमतीर्थ सरोवर के विकास, अकादमिक परिसर के मुख्य द्वार के चबूतरे के विस्तारीकरण, सुमन मानविकी भवन के बाहर सायकल स्टैंड के विस्तारीकरण, पं. मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा के चारों ओर सौन्दर्यीकरण, प्रशासनिक भवन के मैदान (कैंटीन के सामने) जमीन पर कांक्रिट, पेवर लगाने एवं डोम का निर्माण किये जाने आदि हेतु बिल्डिंग समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
  • कोविड संकट के कारण परीक्षा से छूटे हुए विद्यार्थियों की परीक्षा शीघ्र करवा कर मुख्य परीक्षा परिणाम में सम्मिलित करने का अनुमोदन किया गया। इसकी जानकारी महाविद्यालय से प्राप्त करने के निर्देश दिये गए।
  • विवि में कार्यरत स्थायीकर्मियों को चिकित्सा भत्ते की राशि 2 हजार रूपए प्रतिमाह प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर देय ग्रेच्युटी की राशि 10 लाख से अधिकतम सीमा 20 लाख रूपए तक करने एवं विश्वविद्यालयीन कर्मियों को अर्जित अवकाश के भुगतान की अधिकतम सीमा शासकीय 240 दिवस के स्थान पर 300 दिवस किये जाने के शासन के निर्णय को अंगीकृत किया गया।
  • शिक्षकों के सातवें वेतनमान की 50 प्रतिशत एरियर की शेष राशि के भुगतान का निर्णय लिया गया।
  • शोध अभ्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत शोध प्रबंधों के परीक्षकों की अनुशंसा के आधार पर प्रदान की गई पीएच.डी. उपाधि की सूचना ग्रहण की गई।

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