महाकाल मंदिर में निकले पुरावशेषों से शिखर दर्शन चौक व न्यू वेटिंग हाल का काम हो रहा प्रभावित

महाकाल मंदिर परिसर उत्खनन में निकले 1100 साल पुराने मंदिर के संरक्षण की तैयारी

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के अग्रभाग में पुरातत्व उत्खनन में निकले करीब 11 सौ साल पुराने मंदिर के अवशेषों को संरक्षित किया जाएगा। उसके लिए पुरातत्व विभाग रिपोर्ट बना कर दे देगा। जिस पर विचार कर मंदिर समिति और प्रशासन निर्णय लेगा।

रिपोर्ट में बताएंगे कि उत्खनन में मिले पुरा अवशेष को जोडक़र वहां मंदिर खड़ा किया जा सकता है। मंदिर के आगे के हिस्से में खुदाई के दौरान पुराने मंदिर के अवशेष निकले थे। इससे वहां खुदाई रोक दी गई थी। जिसके चलते शिखर दर्शन चौक और न्यू वेटिंग हॉल का कार्य प्रभावित हो रहा है।

महाकालेश्वर मंदिर के अग्रभाग में मुख्य प्रवेश द्वार के पास मंदिर के पुरावशेष मिले थे। जिला प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को जानकारी दी थी। पुरातत्व विभाग ने पुरातत्व विशेषज्ञ ध्रुवेंद्र सिंह जोधा को तैनात किया था। जिनकी देखरेख में पुरातत्व उत्खनन किया जा रहा है। उत्खनन में बार-बार अवरोध भी आ रहे हैं।

उत्खनन के लिए तल पर स्थित एक मंदिर को भी अन्य जगह स्थानांतरित किया है। इसके बाद फिर से पुरातत्व विभाग यहां उत्खनन में निकले मंदिर के संरक्षण के लिए प्रयासरत है। पुरातत्व विभाग ने इसके लिए मंदिर समिति को पत्र भी दिया था।

इस मुद्दे को लेकर शनिवार को मंदिर समिति अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ डॉ रमेश यादव, डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश परांजपे, डॉ. भावना व्यास तथा उज्जैन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ चर्चा की। पुरातत्व विभाग ने कहा है कि वहां के संरक्षण के लिए पहले मंदिर समिति को रिपोर्ट बना कर देगा। इसमें बताएंगे कि पुरा अवशेषों को मिलाकर यहां फिर से मंदिर बनाया जा सकता है। जो मंदिर के इतिहास को प्रदर्शित करेगा।

प्राधिकरण बना रहा शिखर दर्शन चौक व न्यू वेटिंग हॉल

जिस जगह पर खुदाई में मंदिर के अवशेष मिले हैं। वहां निर्माण एजेंसी उज्जैन विकास प्राधिकरण मंदिर समिति के खर्चे से शिखर दर्शन चौक व न्यू वेटिंग हॉल बना रहा है। इसके लिए 20 फीट गहरी खुदाई की गई है। इसी खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष मिले थे। पुराने मंदिर के अवशेष मिलने से यहां खुदाई का काम रोककर पुरातत्व की निगरानी में उत्खनन शुरू किया।

इस क्षेत्र में उत्खनन में निकले पुरा अवशेष बिखरे है।ं इससे उज्जैन विकास प्राधिकरण का काम प्रभावित हो रहा है। बैठक के बाद यह भी तय हुआ कि पुरातत्व विभाग पुराने मंदिर के अवशेषों को एक जगह रख देगा। ताकि जमीन खाली होने से वहां निर्माण कार्य कराया जा सके। अधिकारियों ने मौके पर जाकर भी अवलोकन किया।

प्रभावित होगी मंदिर के पूर्व द्वार की योजना

पुराना मंदिर निकलने से अब मंदिर के पूर्वी द्वार को नए सिरे से बनाने की बनाई गई योजना में बदलाव होगा। यह द्वार ओंकारेश्वर मंदिर के सामने लाने की योजना थी। लेकिन अब उसे वहीं रखा जाएगा जहां अभी है। इस मार्ग से भगवान महाकाल की सवारी निकलती है। इसलिए इस मार्ग का विकास किया जाना है।

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