जावरा, अग्निपथ। आलोट क्षेत्र में राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी की शिकायतों पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने सख्ती दिखाते हुए साफ कहा है कि जांच में जो भी अधिकारी-कर्मचारी इस हेराफेरी में शामिल पाया जाएगा उसे बर्खास्त किया जाएगा।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम बुधवार को आलोट पहुंचे थे। वहां सभी विकासखंड स्तरीय अमले के साथ बैठक आयोजित कर योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की, प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि आलोट से राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी की शिकायतें मिली हैं।
उन्होंने एसडीएम को जांच के लिए टीम गठित करने के निर्देश दिए। यह जांंच दल आलोट तथा ताल के तहसील कार्यालयों में राजस्व रिकॉर्ड की जांच करेगा। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि इस हेराफेरी में जो भी व्यक्ति लिप्त मिलेगा उसे बर्खास्त किया जाएगा।
राशन वितरण में गड़बड़ी और अवैध खनन पर भी नाराजगी
कलेक्टर ने पटवारियों को निर्देशित किया कि गांव में उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण करते हुए तय करें कि दुकान निर्धारित समय सीमा में खुलें। दुकानदार मशीन से पर्ची निकालकर उपभोक्ता को दें। पर्ची नहीं देने पर जुर्माने का प्रावधान है। कलेक्टर ने कहा कि राशन में गड़बड़ी से संबंधित सर्वाधिक शिकायतें रतलाम जिले में आलोट क्षेत्र से आती हैं। कलेक्टर द्वारा आलोट क्षेत्र के आपूर्ति अधिकारी के विरुद्ध सख्त नाराजगी व्यक्त की गई।
इसी प्रकार आलोट क्षेत्र में अवैध खनिज उत्खनन परिवहन के संबंध में कलेक्टर द्वारा सख्त नाराजगी प्रकट की गई एवं की जा रही कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया गया। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जमुना भिड़े, एसडीएम मनीषा वास्कले, जिला स्तरीय अधिकारी तथा पटवारी एवं पंचायतों के सचिव उपस्थित थे।
आलोट क्षेत्र में 58 गांवों में पानी की किल्लत
बैठक के दौरान गर्मी में पेयजल की स्थिति पर विशेष रूप से समीक्षा की गई। बताया गया कि आलोट क्षेत्र में 58 गांव जलसमस्या ग्रस्त हैं। समस्या के हल के लिए आवश्यकता पडऩे पर अतिरिक्त जलस्रोत निर्मित किया जा रहा है। आलोट क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की एसडीओ की अनुपस्थिति की जानकारी कलेक्टर द्वारा दी गई।
कार्यपालन यंत्री गोगादे द्वारा जानकारी दी गई कि वे कई दिनों से आकस्मिक अवकाश पर हैं, इस पर कलेक्टर द्वारा उनका अवकाश अस्वीकृत करने के निर्देश दिए गए। क्षेत्र के स्कूलों, आंगनबाडिय़ों में जल जीवन मिशन से जल उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कलेक्टर द्वारा एक माह का समय कार्य पूर्ण करने के लिए निर्धारित किया गया।