अलवर। कृषि कानूनों के विरोध में अलवर के शाहजहांपुर- खेड़ा हरियाणा बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन भी अब सिंघु बॉर्डर की तरह बड़ा हाेने लगा है। यहां अब किसान आंदोलन की लंबी तैयारी कर रहे हैं। यहां पानी गर्म करने से लेकर रोटी बनाने तक की मशीन लग चुकी है। हर दिन 100 से 125 मीटर हाइवे घेर लिया जाता है। यानी एक-दो टेंट से शुरू हुआ आंदोलन अब हाइवे पर सवा किमी. तक की जगह कवर कर चुका है।
यहां अब दूर-दराज से किसान आने लगे हैं। दिन में सभा होती है। सुबह-शाम किसान नेता कई तरीकों से किसानों का संदेश गांव देहात में बैठे किसानों तक भेजते हैं।
पहले रोड पर रोटी अब मशीन से बनने लगी
शाहजहांपुर-खेड़ा हरियाणा बॉर्डर पर 12 दिसंबर से किसानों का नेशनल हाइवे पर आकर आंदोलन शुरू हुआ था। अभी 9 दिन ही गुजरे हैं। लेकिन, आंदोलन की तस्वीर बदल गई है। पहले चूल्हा लगाकर रोटियां बनाई जाती थी। अब रोटी बनाने की मशीन आ चुकी है। पहले चूल्हे पर ही गर्म पानी होता था अब पानी गर्म करने की मशीनें लग चुकी हैं। यही नहीं अलाव के लिए एक साथ ट्रैक्टर भरकर लकड़ी आने लगी हैं। पिकअप भरकर फल-सब्जी आने लगी हैं। जिससे साफ जाहिर है कि किसान यहां भी आंदोलन को बड़ा रूप देने में जुटे हुए हैं।
पहले रोड पर रोटी अब मशीन से बनने लगी
शाहजहांपुर-खेड़ा हरियाणा बॉर्डर पर 12 दिसंबर से किसानों का नेशनल हाइवे पर आकर आंदोलन शुरू हुआ था। अभी 9 दिन ही गुजरे हैं। लेकिन, आंदोलन की तस्वीर बदल गई है। पहले चूल्हा लगाकर रोटियां बनाई जाती थी। अब रोटी बनाने की मशीन आ चुकी है। पहले चूल्हे पर ही गर्म पानी होता था अब पानी गर्म करने की मशीनें लग चुकी हैं। यही नहीं अलाव के लिए एक साथ ट्रैक्टर भरकर लकड़ी आने लगी हैं। पिकअप भरकर फल-सब्जी आने लगी हैं। जिससे साफ जाहिर है कि किसान यहां भी आंदोलन को बड़ा रूप देने में जुटे हुए हैं।
अब आसपास गांव के लोग आने लगे हैं
किसानों को लगातार 4 डिग्री तापमान में सड़कों पर खुले आसमां तले आंदोलन करता देख आसपास के किसानों का दिल भी पसीजने लगा है। आसपास के गांवों के किसान भी एक-एक दो-दो रात आंदोलन में आकर रुकने लगे हैं। थोड़ा बहुत सहयोग भी देने लगे हैं।
सवा किलोमीटर से अधिक फैल गया
सिंघु बॉर्डर की तरह हरियाणा बॉर्डर का आंदोलन फैलने लगा हैं। छोटे से टेंट से शुरू हुआ हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन अब करीब सवा किलोमीटर तक फैल चुका है। दिल्ली की तरफ जाने वाले हाइवे पर करीब सवा किलोमीटर तक टेंट ही टेंट नजर आने लगे हैं। कहीं किसान हुक्का पीते नजर आते हैं तो कहीं आपस में टोली बनाकर चर्चा करते दिखते हैं। दिन में सभाएं होती हैं। किसान नेता आमजन को संबोधित करके आंदोलन को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
लगातार किसानों के बीच में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
युवा कांग्रेस अलवर के जिलाध्यक्ष दीनबंधु शर्मा लगातार किसान आंदोलनकारियों की सेवा में लगे हैं। सुबह-शाम चाय पिलाने से लेकर खाना बनाने में पूरा सहयोग करते हैं। उनकी टीम के कई साथी रात को भी वहीं पर रुकने लगे हैं।