उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को भगवान महाकाल की श्रावण मास की दूसरी सवारी पूरे लाव लश्कर के साथ धूमधाम से निकली। पहली सवारी जैसा सैलाब इस बार भी श्रद्धालुओं का नजर आया। लोग भगवान चंद्रमौलेश्वर की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। लेकिन जिला प्रशासन ने मंदिर के अंदर और बाहर ऐसी सख्ती कर रखी थी जोकि किसी भी मंदिर में करना जायज नहीं ठहराया जा सकता। दोपहर दो बजे पंडे पुजारियों और ड्यूटी करने वाले मंदिर कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों का गेट बंद कर दिए जाने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंदिर के बाहर भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
श्रावण मास में इस बार भी शाही सवारी जैसा नजरा नजर आया। सभामंडप में पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में पुजारी आशीष गुरु ने पूजा संपन्न करवाई। कलेक्ट आशीषसिंह ने सपत्नीक भगवान महाकाल के विग्रह भगवान चंद्रमौलेश्वर की आरती की। इस अवसर पर मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ भी मौजूद रहे। सभामंडप में एसडीएम संजय साहू, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी और मूलचंद जूनवाल ने मोर्चा संभाल रखा था।
तीन बजे के लगभग सभामंडप के प्रवेश द्वार को बेरिकेडिंग कर मोर्चा संभाल लिया गया था। यहां पर महाकाल थाने के टीआई मुनेन्द्र गौतम सहित अन्य पुलिस कर्मी मौजूद रहे। सभामंडप में अनापेक्षित आंगुतक प्रवेश का प्रयास करते रहे। कई बार अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की इनसे झड़प भी हुई। मंत्री मोहन यादव अपने समर्थकों के साथ आए और उन्होंने तो प्रवेश कर लिया लेकिन समर्थकों को प्रवेश करने को लेकर जोरदार बहस और धक्का मुक्की हुई। यही हाल अमूमन पालकी के रवाना होने तक चलता रहा।
5 नंबर गेट बंद, 4 नंबर चालू
आश्चर्य की बात है कि पंडे पुजारियों, मीडियाकर्मियों, ड्यूटी पर आने वाले मंदिर कर्मचारी, पुलिसकमी जब 5 नंबर गेट पर प्रवेश के लिए पहुंचे तो यहां पर ताला लगा हुआ था। यहां पर दोपहर 2 बजे की तालाबंदी कर दी गई थी। जबकि न तो मंदिर परिसर और न ही सभामंडप में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी। पालकी के बाहर निकलने के बाद भी अंदर जमा श्रद्धालुओं को बाहर निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पूरे मंदिर की किलेबंदी कर दी गई थी।
नये पालकी द्वार तक बेरिकेडिंग
सभामंडप से नये पालकी द्वार तक दोनों ओर से बेरिकेडिंग का नया फार्मूला इस बार अजमाया गया। हालांकि सभामंडप से ही पालकी के साथ लोगों का हुजूम पालकी के साथ चलता हुआ नये पालकी द्वार तक पहुंचकर बाहर हो गया। यह भीड़ पालकी के साथ साथ रामघाट तक चलती रही। यहां पर भी अनापेक्षित लोगों ने प्रवेश का प्रयास किया लेकिन उनको अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
भीड़ के चलते शिवमय हो गई नगरी
यह दूसरा मौका है कि जब भगवान महाकाल की सवारी देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। गोपाल मंदिर से लेकर चारधाम मंदिर तक चहूंओर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी। पालकी के दर्शन करने के लिए सवारी मार्ग के दोनों ओर घरों और छतों से तो लोग दर्शन कर ही रहे थे। इसके साथ ही सडक़ के दोनों ओर भी भीड़ का सैलाब उमड़ा हुआ था।
रामघाट पर पालकी का जोरदार स्वागत
पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर विराजमान थे तो हाथी पर मनमहेश। सवारी अपने तय परंपरागत मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां पर पुलिस बैंड ने आकर्षक स्वर लहरियां बजाकर उनकी आगवानी की। रामघाट पर भगवान महाकाल के मां शिप्रा के जल से अभिषेक करने के बाद पालकी अपने तय मार्ग कार्तिक चौक, ढाबा रोड, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, महाकाल घाट से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।