2 साल पहले एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार
उज्जैन, अग्निपथ। नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले 4 आरोपियों को न्यायालय ने सोमवार को 10-10 साल की सजा सुनाई है। चारों आरोपियों को एसटीएफ ने 2 साल पहले इंदौररोड से गिरफ्तार किया था।
3 जुलाई 2020 को उज्जैन एसटीएफ ने सूचना मिलने के बाद इंदौररोड नवाखेड़ा चौराहा पर घेराबंदी करते हुए नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले सुनील मराठा निवासी बुराहनपुर और श्रीराम गुप्ता निवासी सेंधवा को हिरासत में लिया था। दोनों नकली नोट के. आनंद निवासी आंध्रप्रदेश को देने आये थे। एसटीएफ ने इंतजार कर के. आनंद को भी गिर तार कर लिया था। दोनों आरोपियों के पास से 8 लाख के नकली नोट दो हजार और पांच सौ के बरामद हुए थे। के. आनंद से एक लाख के असली नोट बरामद किये थे।
पूछताछ में तीनों ने अपने साथी किरण सोंडकर का नाम बताया था, जिसे इंदौर से गिर तार कर एक लाख के नकली नोट और प्रिंटर बरामद किया गया। चारों के खिलाफ धारा 489 ए, 489 बी, 489 सी और 489 डी में प्रकरण दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। 2 साल चली सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश संजयराज सिह ठाकुर चारों आरोपियों को नकली नोट छापने और बाजार में चलाने का दोषी मानते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है। प्रकरण में एसटीएफ की ओर से न्यायालय में पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजन पंकज जैन द्वारा की गई।
मवेशी छुड़ाने वालों को बांड ओवर करेगी नगर निगम
उज्जैन, अग्निपथ। शहर को आवारा मवेशियों से मुक्त करने की मुहीम एक बार फिर से शुरू करने वाली नगर निगम के अधिकारी इस बार अलग-अलग तरह की रणनीति पर काम कर रहे है। शहर में ही तीन अलग-अलग स्थान चिन्हित कर मवेशियों को यहीं से सीधे बाहर की गौ-शालाओं में भेजने के अलावा मवेशी छुड़ाने पहुंचने वालों को बांड ओवर करने की भी तैयारी है। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहर में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ड्यूटी रही। इसके बावजूद निगम गैंग ने सोमवार को शहर में अलग-अलग हिस्सों से 9 मवेशी पकड़े है। रविवार से शुरू हुई मुहीम में अब तक 36 मवेशी पकड़े जा चुके है। मवेशी पकडऩे के बाद इनका लंपी वायरस से बचाव वाला टीकाकरण किया गया और मवेशियों को कपिला गौ-शाला भेज दिया गया।
नगर निगम उपायुक्त संजेश गुप्ता ने बताया कि शहर में जितने भी मवेशी पकड़े जाएंगे, उन्हें फिलहाल नहीं छोड़ा जाएगा। मवेशी छुड़ाने पहुंचने वाले लोगों से नगर निगम द्वारा बांड भरवाया जाएगा। बांड के माध्यम से इन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा, भविष्य में यदि मवेशी की वजह से कोई दुर्घटना होती है तो मवेशी मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।