दर्शन व्यवस्था सुचारू करने के लिये पुजारियों को किया गया था आमंत्रित
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था मंदिर प्रशासन के लिये चुनौती बनी हुई है। इसी को लेकर मंदिर प्रशासक ने पुजारियों को उनकी राय देने के लिये मंगलवार को आमंत्रित किया था। बैठक में आधा दर्जन से अधिक पुजारीगण सम्मिलित हुए थे। बैठक में भस्मारती को लेकर भी चर्चा की गई।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने प्रशासनिक सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया था। जिसमें विशेष रूप से पुजारी प्रशांत गुरु, संजय गुरु, आशीष गुरु सहित आधा दर्जन से अधिक पुजारीगण शामिल रहे। बैठक में कार्तिकेय और गणपति मंडपम से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था के संबंध में बातचीत हुई।
बताया जाता है कि 1500 रु. विशेष दर्शन टिकट का बैठक में विरोध किया गया। यहां पर बताया गया कि हारफूल वाले से लेकर हर कोई इस टिकट को कटवाकर इसका दुरुपयोग भी कर रहा है। पंडे पुजारी के यजमान तो ठीक यदि किसी दूसरे श्रद्धालु के साथ चिटिंग हो जाती है तो इसका जवाबदार कौन रहेगा। एक पुजारी ने तो यह तक कह दिया कि यदि 1500 रु विशेष दर्शन टिकट से सामान्य श्रद्धालुओं के दर्शन में बाधा पहुंंचती है तो पंडे पुजारियों के लिये भी इसको बंद कर दिया जाय। यदि पंडे पुजारी भी बार बार भगवान महाकाल के प्रोटोकाल का उल्लंघन कर दर्शन में बाधा पहुंचाते हैं तो उनको भी नोटिस देकर कार्रवाई की जाय।
भस्मारती में 1800 की जगह 2500 श्रद्धालु
मंदिर प्रशासक के पुजारियों के साथ हुई बैठक में भस्मारती संबंधी बातचीत भी हुई। प्रशासक श्री सोनी ने भस्मारती को लेकर पुजारियों की राय जानना चाही तो सामने आया कि भस्मारती अनुमति तो 1800 बन रही हैं, लेकिन गणपति और कार्तिकेय मंडपम में 2500 से अधिक श्रद्धालु बैठकर भगवान की भस्मारती देख रहे हैं। इस बात की जानकारी मंदिर के अधिकारियों को भी है। वह भी इसको लेकर अचंभित हैं।