जलग्रहण क्षमता बढ़ाने की पहल, जनप्रतिनिधियों ने किया काम का शुभारंभ
उज्जैन, अग्निपथ। शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डेम में प्रति वर्ष गर्मी में पानी कम होने के कारण शनिवार से डेम पर गहरीकरण का कार्य हुआ शुरू, मंत्री मोहन यादव वं महापौर ने जेसीबी चलाकर किया गहरी करण का कार्य में सहयोग किया वहीं बड़े स्तर पर जेसीबी मशीन लगाकर करीब एक दशक से अधिक समय के बाद गहरीकरण का कार्य शुरूआत की गई।
शहर की प्यास बुझाने वाले गंभीर डेम पर शनिवार को गंभीर डेम स्थित बिलकेश्वर महादेव मंदिर में मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव, प्राधिकरण अध्यक्ष श्याम बंसल सहित निगम कमिश्नर रोशन सिंह ने पूजन अर्चन कर गहरीकरण की शुरुआत की।
जनसहयोग से किया जा रहा है गहरीकरण
गहरीकरण का कार्य जन सहयोग के माध्यम से किया जा रहा है साथ ही यहां से निकलने वाली मिट्टी का उपयोग उज्जैन से बदनावर तक बन रही फोर लेन के कार्य में भी किया जाएगा। फि़लहाल उज्जैन में 1 दिन छोडक़र जल प्रदाय किया जा रहा है पूरा शहर उज्जैन के अंबोदिया गांव स्थित गंभीर डेम के भरोसे रहता है। गंभीर बांध की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। जहां अभी लगभग 50 दिन का पानी शेष है।
14 वर्ष बाद फिर हो रहा है गहरीकरण
महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि 2009 में डेम के गहरीकरण की शुरुआत सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की थी। लेकिन बारिश होने बाद इसे बंद कर दिया गया था। आज करीब 14 वर्ष बाद जनसहयोग से डेम की गाद सफाई एवं गहरीकरण कार्य शुरू हुआ। टटवाल के अनुसार शहर की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए डेम की क्षमता बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए गाद सफाई एवं गहरीकरण कार्य जनसहयोग से किया गया।
नि:शुल्क ले जा सकते हैं मिट्टी
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि जलस्त्रोतों को ठीक करने का हमेशा प्रयास होना चाहिये, ताकि तालाब, नदी आदि में जल संग्रहण हो सके। उन्होंने कहा कि किसान अगर अपने खेतों में मिट्टी भराव के लिये ले जाना चाहें तो उन्हें नि:शुल्क तालाब गहरीकरण कर मिट्टी ले जा सकते हैं।