मीडिया से बोले – भ्रष्टाचार नहीं तकनीकी कमी से गिरी मूर्तियां
उज्जैन, अग्निपथ। तेज हवाओं के कारण रविवार शाम को महाकाल लोक में ध्वस्त हुई छह प्रतिमाओं से भाजपा सरकार की गिरती साख को बचाने में मंत्री से लेकर प्रशासनिक अमला लग गया है। सोमवार को ताबड़तोड़ प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा उज्जैन आये और महाकाल लोक का निरीक्षण करने के बाद भ्रष्टाचारियों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि मूर्तियां भ्रष्टाचार के कारण नहीं गिरी, बल्कि तकनीकी कमी के कारण गिरी है। फिलहाल मूर्तियों को हटाकर महाकाल लोक को दोबारा शुरू कर दिया गया है।
तेज आंधी के कारण श्री महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषि की मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई थी। मामले में कांग्रेस के आक्रामक होने के बाद सोमवार को प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने श्री महाकाल लोक का निरीक्षण करने के बाद कहा आपदा के कारण मूर्तियां गिरी है, इसमें भ्रष्टाचार वाली कोई बात नहीं है। यदि कांग्रेस भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है तो पहले खुद के गिरेबान में झांके।
रविवार को हुई घटना के बाद से ही कांग्रेस ने भाजपा पर हमले शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि श्री महाकाल लोक में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके कारण तेज हवा और आंधी में मूर्तियां गिरकर टूट गई। सोमवार को उज्जैन पहुंचे प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद श्री महाकाल लोक पहुंचकर अवलोकन किया।
एक-दो सप्ताह मेें लग जाएंगी मूर्ति
मीडिया से चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री देवड़ा ने कहा कि रविवार को आंधी तूफान तेज गति से आया था। जिसके कारण 6 मूर्तियों पर इसका असर हुआ है, लेकिन कहीं ना कहीं तकनीकी कमी रही होगी। इसको हम पूरी तरह से दिखा रहे है। एक-दो सप्ताह में सभी मूर्ति वापस लग जाएगी। हम सभी मूर्तियों को चेक करवा रहे है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो।
आपदा पर भी राजनीति कर रही है कांग्रेस
कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोप पर प्रभारी मंत्री देवड़ा ने कहा इसमें कोई भ्रष्टाचार वाली बात नहीं है अचानक आपदा से पुराने पेड़ हिल गए नुकसान हुआ है। तकनीकी कोई दिक्कत होगी तो दूर करेंगे। सारे ठेकेदारों को बुलाया है उनके साथ बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद आकंठ डूबी हुई है पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें उसके बाद बात करें। प्रभारी मंत्री ने कहा इतना बड़ा काम हुआ है तो कांग्रेस इस पर भी राजनीति कर रही है । प्राकृतिक आपदा पर भी कोई राजनीति कर रहा है तो मुझे लगता है कि इससे ज्यादा घटिया विचार नहीं हो सकता।
15 करोड़ कीमत की 136 मूर्तियां हैं महाकाल लोक में, एक की औसत कीमत 11 लाख
पूरे महाकाल लोक में करीब 136 मूर्तियां लगाई गई हैं। इनकी लागत 15 करोड़ रुपए है। इस हिसाब से औसतन एक मूर्ति बनाने में 11 लाख रुपए खर्च हुए है। महाकाल लोक बनने की शुरुआत 2018 में हुई।
कमजोर मूर्तियों की लोकायुक्त में भी शिकायत
11 अक्टूबर 2022 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का उद्घाटन किया था, उस समय भी मूर्तियों की मजबूती को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। महाकाल लोक के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी। विधायक ने शिकायत में ठेकेदार मनोज भाई-पुरुषोत्तम भाई बाबरिया को करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाने के लिए एसओआर (शेड्यूल ऑफ रेट) की दरें और आइटम को बदलने का आरोप लगाया गया था।
मूर्तियों की उम्र 10 साल
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मीडिया को बताया कि मूर्तियों की एज 10 साल थी। मूर्ति बनाने वाली कंपनी गुजरात की एमपी बाबरिया की काफी राशि धरोहर के रूप में हमारे पास है। सभी मूर्तियां डिफेक्ट लायबिलिटी में है। कंपनी नई मूर्तियां बनाकर देगी। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियों पर गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी कर 5 साल में तैयार किया था। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा।
महाकाल लोक की अन्य मूर्तियों पर भी नजर-ए-इनायत की दरकार
- महाकाल लोक में त्रिपुरासुर संहार दृश्य की प्रतिमा के रथ में दरार
- समुद्र मंथन दृश्य का ठिया भी कमजोर, हवा में हिलता है।
- कमल तालाब में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा के बाए पैर में घुटने के नीचे का हिस्से का पेंट उखड़ गया है। चेहरे का रंग उडऩे से भी सुंदरता प्रभावित।