आईटीआई संचालक ने छात्र के नाम से लिया एजुकेशन लोन, पांच साल बाद पता चली धांधली
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में ठगी की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार को भी ठगी के दो मामले सामने आए। एक निजी आईटीआई संस्था संचालक ने छात्र के नाम से एजुकेशन लोन निकाल लिया। छात्र को करीब पांच साल बाद बैंक से नोटिस आने पर पता चला। वहीं एक फायनेंस कंपनी संचालिका ने मक्सीरोड के एक दर्जन लोगों को पर्सनल लोन दिलवाने का झांसा देकर हजारों रुपए की चपत लगा दी। दोनों मामलों में माधवनगर पुलिस जांच कर रही है।
मामला -1: ज्ञान वर्षा स्कूल संचालक आरोपों में घिरे
मक्सीरोड स्थित माधौपुरा निवासी विनोद पिता जगदीश निर्मल ने वर्ष 2015 में गणेशपुरा स्थित ज्ञान वर्षा इंटरनेशनल स्कूल से आईटीआई का कोर्स करने के लिए फार्म भरा था। वह मैकेनिकल कोर्स चाहता था, लेकिन ट्रेड नहीं होने पर एडमिशन नहीं लिया। बावजूद संचालक मुकेश पाटीदार ने ट्रेड आने पर एडमिशन का भरोसा दिलाया तो विनोद ने दस्तावेज वापस नहीं लिए। पाटीदार ने इसका फायदा उठाते हुए विनोद के दस्तावेज पर पंजाब नेशनल बैंक से 78 हजार रुपए का एजुकेशन लोन ले लिया। कुछ समय पूर्व बैंक से नोटिस आने पर विनोद को लोन का पता चला तो सकते में रह गया। उसने बैंक में पड़ताल की तो उसके दस्तावेज पर लोन देने की बात सच निकली। उसने पाटीदार के समक्ष उसका रिकार्ड खराब करने की नाराजगी जाहिर करने के बाद एसपी को शिकायत कर दी। माधवनगर थाने ने मामला उन्हें भेजने पर दोनों को तलब किया तो विनोद ने आपबीती सुना दी। पुलिस को प्रमाण भी मिल गए। माना जा रहा है कि इस बार जल्द ही उसके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है।
पूर्व में भी लगे आरोप
सूत्रों की माने तो पाटीदार पूर्व में भी बैंक अधिकारियों की मिली भगत से कुछ छात्रों के नाम से रुपए निकालने के आरोप लगे थे। पीडि़तों द्वारा मय प्रमाण शिकायत करने पर भी राजनैतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई थी। सूत्रों की माने तो पाटीदार लोन निकालने की बात कबूल कर चुका है और आधी राशि भरने को भी तैयार है।
मामला -2 : पीडि़त ने रुपए मांगे तो झूठा फंसाने की धमकी
शंकरपुर निवासी करण पिता कृपाराम मालवीय 12 वीं का छात्र है और फैक्ट्री में काम कर आजीविका चलाता है। नागझिरी निवासी जोया शेख करीब चार माह पहले उससे मिली। टॉवर पर उसकी ए-वन फायनेंस कंपनी होने का हवाला देते हुए 1500 रुपए देने पर वह 86 हजार रुपए का पर्सनल लोन दिलवाने का भरोसा दिलाया।
झांसे में करण ने अपने 11 अन्य रिश्तेदारों से भी रुपए दिलवा दिए। काफी समय तक लोन नहीं होने पर सभी उससे रुपए मांगने लगे। मजबूरन वह जोया के ऑफिस के चक्कर लगाने लगा। यह देख जोया ने धमकाया कि उसके ऑफिस में लड़कियां काम करती है किसी से भी छेड़छाड़ की झूठी शिकायत कर जेल पहुंचा देगी। भयभीत करण ने 21 नवंबर 2020 को पुलिस को आवेदन दिया। मामला अब तक धूल खाता रहा, लेकिन गुरुवार को पूरा माजरा सामने आने पर टीआई दिनेश प्रजापति ने एसआई मनीष लोधा को तुरंत जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। इस संबंध में जोया से संपर्क किया तो उसने जवाब देने से इंकार कर दिया।