कुछ राजनीतिक लोगों को लाभ दिलाने के लिए चलाई जा रही प्रक्रिया
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में अब बैगलाक घोटाले का खुलासा होने वाला है। क्योंकि बैगलाक रजिस्टर गुम हो गया था। इसकी रिपोर्ट भी यूनिवर्सिटी दर्ज करवा चुका था। फिर पुराने पदों को भरने के लिए येनकेन आधार पर आवेदन मांगे गए हैं। इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं।
बताया जाता है कि लंबे समय से विक्रम विश्वविद्यालय में पद खाली पड़े थे। इन बैगलाक पदों को भरने की जब भी मांग की जाती थी। टालमटोल किया जाता था। तत्कालीन कुलसचिव प्रशांत पुराणिक ने चार मार्च 2022 को माधवनगर थाने में आवेदन दिया था। इसमें आग्रह किया गया था कि 2007 से विश्वविद्यालय का शिक्षकीय बैगलाक रजिस्टर नहीं मिल रहा है।
प्रशासन विभाग द्वारा काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिल रहा है। इसलिए रजिस्टर गुम होने की एफआईआर दर्ज की जाए। इसी तरह की सूचना कांग्रेस नेता डॉ जितेंद्र परमार को भी कुलपति पुराणिक ने सूचना के अधिकारी में जानकारी मांगने पर दी थी। उन्हें 8 मार्च 2022 को बताया गया था कि माधवनगर थाने में शिकायत के लिए आवेदन भेजा जा चुका है।
इस तरह की गड़बड़ी
बताया जाता है कि बैगलाक के पद भरने में अपने चहेतों को या उन लोगों को जिन्हें उपकृत करना है। आवेदन अंतिम समय पर मांगे गए। ताकि कोई अन्य इन पदों पर आवेदन न कर सके। यानी एक पद के सामने एक ही आवेदक आया इसके चलते उसका चयन होगा। वहीं आवेदन दो साल पहले मांगे गए थे। उन पदों को दो साल पहले के आधार पर भरा जाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि आवेदन फिर से मांगने की प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए। उसके आधार पर नए आवेदन आते और फिर चयन किया जाता।
2007 का रजिस्टर नहीं मिल रहा है। चोरी होने का मामला लंबा समय से चल रहा है। 2007 में हुई ईसी के आधार को बनाकर बैगलाक के 25 पदों को भरने की कोशिश की जा रही है। कुलसचिव का मामला होने की वजह से मामला लटक गया था। वर्ना स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाकर इन पदों को भरने की प्रक्रिया को अब तक पूर्ण कर लिया जाता। जल्द ही आनलाइन पदों को डालकर आपित्तयां मांगी जाएंगी।
-अखिलेश पांडे, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन
विक्रम विश्वविद्यालय में कुछ राजनेताओं को लाभ दिलाने के लिए पीछे के दरवाजे से आवेदन लेकर गलत प्रक्रिया के माध्यम से बैगलाक के पदों को भरने की कोशिश की जा रही है। इसका विरोध किया जाएगा और लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार की शिकायत की जाएगी। पुराने आवेदन पर नई भर्ती की प्रक्रिया किया जाना गलत है। यह व्यापम की तरह घोटाला किए जाने की प्रयास है।
-डॉ जितेंद्र परमार, कांग्रेस नेता उज्जैन