वैज्ञानिक दृष्टि विकसित करके ही जीवन में तनाव प्रबंधन एवं खुशियां संभव-प्रो.सक्सेना

उज्जैन, अग्निपथ। वैज्ञानिक दृष्टि विकसित करके ही जीवन में तनाव प्रबंधन एवं खुशियां संभव है। तनाव प्रबंधन हेतु धर्म और विज्ञान को एक दूसरे से गले मिलने की आवश्यकता है।

उक्त उद्गार माधव एवं वाणिज्य महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग तथा आई. क्यू. ए. सी. के तत्वावधान में दस दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्य वक्ता स्ट्रेस गुरु के नाम से प्रसिद्ध प्रो. विष्णु नारायण सक्सेना ने व्यक्त किए।

स्ट्रेस गुरु ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों को जीवन में खुशियों तथा तनाव प्रबंधन से संबंधित जानकारी रोचक तरीके से प्रदान करते हुए कहा कि आज अगर हम समाज के अधिकतर लोगों के जीवन को शांति आनंद और खुशियों से भरना चाहते है। तो धर्म एवं विज्ञान को सांझा मंच पर आते हुए ना सिर्फ एक दूसरे से हाथ मिलाना होगा बल्कि धर्म और विज्ञान को एक दूसरे को गले लगाना होगा।

आज विज्ञान को शांति और आनंद की खोज के लिए धर्म की शरण में जाने की जरूरत है और अगर हमे धर्म के सिद्धांतो को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है तो हमें धर्म के सिद्धांतो को अधिक तर्कपूर्ण और विज्ञानिक ढंग से कॉग्निटिव साइकोलॉजी, एवं न्यूरो साइंस जैसे विषयों के नवीनतम विज्ञानिक अनुसंधान के उदाहरणों की मदद से विज्ञानिक चित्त के आज के युवाओं को समझना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं प्राचार्य डॉ. जे. एल. बरमैया ने बताया कि खुश होकर किए जाने वाले कार्य से जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होती है। अर्थशास्त्र विभाग डॉ संगीता दुबे द्वारा स्वागत भाषण तथा दस दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। संचालन डॉ. ममता पवार द्वारा किया गया तथा आभार प्रो. कंचन ससाने द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर प्रो. दिनेश जोशी, प्रो. संगीत वत्स प्रो. केदार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में अर्थशास्त्र विषय के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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