मध्यप्रदेश के चुनावी रण में उतरेगी करणी सेना, 80 विधानसभा सीटों पर ठोकेगी ताल

जावरा, अग्निपथ। करणी सेना से बीजेपी कांग्रेस को खतरा इसी साल होने वाले मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में करणी सेना परिवार ने 80 सीटों पर चुनाव लडऩे का एलान किया उनकी इस घोषणा के बाद एमपी की सियासत में खलबली मच गई है ऐसे हालत में अगर करणी सेना चुनाव लड़ती है तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी के वोटबैंक में सेंध लग सकती है. भाजपा की बात करें तो सवर्ण वोटों के अलावा वो इस समय वो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई है. मध्य प्रदेश में इनका वोट 37 प्रतिशत है.

करणी सेना ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जीवन सिंह शेरपुर ने आंदोलन की राजनीति से सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लडऩे की घोषणा की है। जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि जो पार्टी अपनी घोषणा पत्र में हमारी 18 सूत्री मांगों को शामिल करेगी उसे समर्थन देकर हम चुनाव लड़ेंगे। करणी सेना रतलाम, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, इंदौर, धार सहित 80 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने की तैयारी कर चुकी है।

जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि जंबूरी मैदान में 8 जनवरी के महा आंदोलन के दौरान भाजपा सरकार के मंत्री अरविंद भदौरिया ने लिखित पत्र देकर हमारी 18 सूत्रीय मांगे मानी थी लेकिन हमारे साथ भाजपा सरकार ने वादा खिलाफी की है। इसके बाद में अब सर्व समाज से जुड़ी इन 18 क्षत्रिय मांगों को पूरा करने के लिए करणी सेना परिवार 80 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए उम्मीद्वार चयन कर चुकी है।

इसी के साथ ही जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि किसी के पास टिकट मांगने नहीं गए। भाजपा के पास अब भी हमारी 18 सूत्रीय मांगों को लागू करने का समय है। वहीं कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के नेतृत्व द्वारा भी करनी सेना परिवार से संपर्क किया गया है। इस पर हमारा सभी पार्टियों के लिए यही कहना है जो हमारी पार्टी 18 मांगों को अपनी, घोषणा पत्र में शामिल करेगी हम उसके साथ चुनाव लड़ेंगे और समर्थन देंगे।

करणी सेना से कांग्रेस को खतरा

कांग्रेस पार्टी दावा कर रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उसकी जीत होगी। इसके लिए पार्टी की नजरें भाजपा बाहुल्य इलाकों में हैं. साथ ही साथ पार्टी कह रही है कि प्रदेश की महिला वोटरों का भी साथ उसके साथ है. हालांकि इस समय कि परिस्थितियां देखें तो यह कह पाना कठिन है कि किसकी सरकार बनेगी. कांग्रेस के साथ मुस्लिम वोटरों को भी गिना जा रहा है जिनका लगभग 50 लाख वोट है।

ऐसी हालत में करणी सेना परिवार की एंट्री ने कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. क्योंकि कांग्रेस पार्टी जिन इलाकों में अपनी बाहुल्यता बता रही है हाल में ही हुए करणी सेना के आंदोलन में वहां से भी भारी संख्या में लोगों को जाते हुए देखा गया था। ऐसे में ये कहा जा रहा है की कांग्रेस की भी जड़ों में करणी सेना सेंध लगानी शुरू कर दी है। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले विधानसभा चुनाव में करणी सेना का वोट प्रतिशत कितना होता है।

जावरा से लड़ूंगा चुनाव

जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि बाहर जाकर चुनाव लडऩा उचित नहीं है। बाहर मैं क्या हूं कैसा हूं यह कोई नहीं जानता। जावरा विधानसभा क्षेत्र मेरा घर है मैं इस विधानसभा का बेटा हूं तो मेरी अच्छाई, बुराई सभी जानते हैं। मैं और करणी सेना परिवार आम आदमी के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ हैं। इसको लेकर मुझे वोट मिलेंगे और चुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचुगा। विरोधी चाहे जितनी भी कोशिश कर ले। मुझे बदनाम करने की मेरी छवि खराब कर ले मुझ पर चाहे कितने भी आरोप लगा ले। इसका निर्णय जनता को करना है कि सत्य की लड़ाई कौन लड़ रहा है।

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