शाम तक पांच लाख से अधिक ने किये भगवान महाकाल के दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। साल के अंत में भगवान महाकाल के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ा है। शनिवार, रविवार, सोमवार तीन दिन के अवकाश के दर्शनार्थियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। माना जा रहा है रविवार को शाम तक करीब पांच लाख से अधिक लोगों ने भगवान महाकाल के दर्शन किये थे। इसके बाद भी दर्शन का सिलसिला जारी था।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में नए वर्ष की छुट्टिया लगते ही श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर में उमड़ पड़ा। रविवार को देशभर से आए भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। हालत यह थी कि मंदिर अधिकारियों और कर्मचारियों को व्यवस्था करने में कड़ी मशक्कत करना पड़ी। अधिकारियों के अनुसार श्रद्धालुओं की भीड़ की स्थिति नए वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह तक रहेगी।
देशभर में वर्ष के अंतिम दिनों में क्रिसमस के अवकाश शुरू होने के बाद भगवान महाकाल के दरबार में भक्तों का तांता लगने लगा है। शनिवार से सोमवार तक लगातार 3 दिन की छुट्टियों के चलते महाकाल मंदिर में बाहर से दर्शन करने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार को महाकाल मंदिर में करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं रविवार को सुबह 6 बजे से शाम तक दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का आंकड़ा करीब पांच लाख के पार हो गया।
चार लाइन में कराये जा रहे हैं दर्शन
मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि अवकाश होने से भस्म आरती के बाद से ही निरंतर श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आ रही है। नंदी हाल के पीछे बेरिकेट्स से चार लाईन चलाकर श्रद्धालुओं को दर्शन कराए गए। क्रिसमस के साथ ही नए वर्ष के पहले अवकाश लेने के कारण यह स्थिति बनी है। आने वाले दिनों में भी श्रद्धालुओं की संख्या महाकाल मंदिर में अधिक ही रहेगी। इसके बाद सबसे अधिक संख्या 31 दिसंबर और 1 जनवरी को रहेगी।
साल के अंत में 10 लाख लोगों के आने की उम्मीद
मंदिर समिति के अधिकारियों का अनुमान है कि इस बार 31 दिसम्बर और 1 जनवरी को करीब 10 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेगें। उसी हिसाब से महाकाल मंदिर में व्यवस्थाएं की जा रही है। पिछले वर्ष 1 जनवरी पर करीब 6 लाख श्रद्धालु महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे।
शीघ्रदर्शन टिकटधारियों का गुस्सा भडक़ा, कर्मचारियों ने मामला संभाला
रविवार दोपहर को गेट नंबर एक से आने वाले शीघ्रदर्शन टिकटधारी दर्शनार्थियों का गुस्सा भडक़ गया। दरअसल गेट नंबर 1 अवंतिका द्वार भी है। यहां से शीघ्र दर्शन टिकटधारियों के अलावा उज्जैन के रहवासी भी प्रवेश करते हैं और आगे जाकर यह कतार सामान्य दर्शनार्थियों में मिल जाती है। कार्तिक मण्डपम में पहुंचकर टिकटधारी लोगों को एक नंबर बेरिकेड्स में भेज दिया जाता है। रविवार को भीड़ अधिक होने के कारण शीघ्र दर्शन टिकटधारियों को १ नंबर बेरिकेड में नहीं किया जा सका। जब ये लोग बाहर आये तो आक्रोश व्यक्त करने लगे और सूर्यमुखी द्वार पर खड़े हो गये कि उन्हें दोबारा दर्शन करवाये जाये। हालांकि इस मामले को मंदिर समिति कर्मचारियों ने समझदारी पूर्ण तरीक से हल कर उन्हें दर्शन कराकर शांत किया।
मंदिर के आसपास रिक्शा वालों ने जाम लगाया नीलकंठ द्वार पर यातायात शुरू करने की दरकार
मंदिर जाने के लिए दर्शनार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण वाहनों की आवाजाही में भी इजाफा हुआ है। हालात यह है कि बेगमबाग की ओर से महाकाल मंदिर जाने के लिए रोड पर रिक्शा व निजी वाहनों के कारण जाम लगा रहता है। यहां अभी स्कूल के सामने की गली से ही एंट्री मिल रही है। नीलकंठ द्वार से भारत माता मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग बनकर तैयार है, लेकिन वहां अभी ट्रैफिक शुरू नहीं किया गया है। इस कारण एक मार्ग पर ही यातायात का दबाव बना हुआ है।