उज्जैन , अग्निपथ। आशा कार्यकर्ताओं पर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए दवाब बनाया जा रहा है, जबकि यह काम तकनीकी विशेषज्ञ या कम्प्यूटर आपरेटर के द्वारा ही व्यवस्थित रूप से किया जा सकता है। आशा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया से पृथक करने की मांग की है.
उक्त जानकारी आशा कार्यकर्ता संघ की जिलाध्यक्ष निर्मला यादव ने ज्ञापन देते हुए बताया कि वर्तमान में आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ताओं पर विभागीय दवाब बनाया जा रहा है जबकि अधिकांश कार्यकर्ताओं के पास न तो एंड्राइड मोबाइल है न ही उनके पास तकनीकी ज्ञान है ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार की इस अभिनव योजना को समुचित ढंग से क्रियान्वित किया जाना संभव नहीं है।
श्रीमती यादव ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा चौबीस घंटे सेवाएं दी जाती है , मरीजों व गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सुविधा देने में कार्यरत कार्यकर्ता को सिर्फ प्रोत्साहन राशि मिलती है आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कोई डाटा भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता संघ की पदाधिकारियों ने जिलाधीश को प्रेषित ज्ञापन में आशा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया से पृथक करने की मांग की है जिला अध्यक्ष निर्मला यादव एवं संगठन के सदस्य पार्वती कटारिया लक्ष्मी कुंभकार शबनम खान फरीदा जी रेणुका परमार शहनाज खान रंजन चौहान आदि के साथ जिले की सैकड़ो आशाएं सम्मिलित हुए।
ग्वालियर की 25 आशा कार्यकर्ताओं की बहाली की मांग
आशा कार्यकर्ता संघ की जिलाध्यक्ष निर्मला यादव ने ग्वालियर क्षेत्र की 25 आशा कार्यकर्ताओं की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि गत 29 जुलाई को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आशा व उषा कार्यकर्ताओं की महापंचायत में इन कार्यकर्ताओं की बहाली की घोषणा की थी , मगर अब तक उस घोषणा का क्रियान्वयन नहीं हुआ है जिससे उन पच्चीस आशा कार्यकर्ताओं का भविष्य अधर में हैं।