नगर निगम सम्मेलन: आउटसोर्स टेंडर पर पक्ष-विपक्ष ने सवाल उठाए, नोंकझोंक के बाद प्रस्ताव किया पास

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम परिषद के विशेष सम्मेलन में सत्ता और विपक्ष के पार्षदों ने आउटसोर्स टेंडर को लेकर कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने सवाल उठाए। नोंकझोंक, टीका-टिप्पणी के बीच एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा करने के बाद प्रस्ताव को पास कर दिया गया। दोनों दल के पार्षदों को इस बात से आश्चर्य हो रहा था कि टेंडर पास होने से पहले आडिट किस आधार पर कराया गया।

निगम स िमलन में अतिथि के रूप में विधायक अनिल जैन कालुहेडा, डॉ. प्रभुलाल जाटवा पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल जिला भाजपा उपाध्यक्ष, आनंद सिंह खीची का तथा निगम आयुक्त आशीष पाठक के आयुक्त के रूप में पहली बार निगम स िमलन में पधारने पर महापौर द्वारा पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया।

पहली बार निगम स मेलन में आए विधायक अनिल जैन कालुहेडा ने नगर निगम की गतिविधियों में पक्ष प्रतिपक्ष के पार्षदों के परस्पर समन्वय और सकारात्मकता की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी 54 पार्षदों की ओर से हमें जो सुझाव प्राप्त होंगे हम उनके प्रति सकारात्मक रहेंगे।

निगम महापौर मुकेश टटवाल ने व्यक्त किया कि आज उज्जैन प्रदेश का नेतृत्व कर रहा है, उज्जैन से मुख्यमंत्री निर्वाचित होने से उज्जैन का मान बढ़ा है, हमें इस मान के दृष्टिगत अपनी भूमिका निभाना है।

निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव ने कहा कि सदन में जो सकारात्मक माहौल देखने को मिल रहा है उससे लगता है कि उज्जैन के लिये आने वाला समय और बेहतर होगा। मैं सभी से अपेक्षा करती हूॅ कि मुख्यमंत्री जी की मंशा अनुसार निर्माण और विकास कार्यो में सभी का सकारात्मक सहयोग प्राप्त होगा।

नेता प्रतिपक्ष श्री रवि राय ने कहा कि मुख्यमंत्री उज्जैन के होने से उज्जैनवासियों को बहुत आशाएं हैं, हम भी आशान्वित हैं कि बहुत तेजी से शहर का विकास होगा। निगम आयुक्त आशीष पाठक ने विभिन्न विषयों पर निगम प्रशासन का मत रखते हुए विभिन्न प्रस्तावों में अपनी बात रखी एवं पार्षदों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जबाव देते हुए उनकी शंकाओं का समाधान किया।

नगर निगम के विशेष सम्मेलन में आउट सोर्स के माध्यम से कर्मचारियों को नगर निगम को उपलब्ध कराए जाने और स्वास्थ्य विभाग के लिए सफाई कर्मचारी उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पार्षद सपना सांखला ने कहा कि इस व्यवस्था को बदलते हुए निगम निगम स्थायी कर्मचारी रखे, जिससे कर्मचारियों को छह से आठ हजार के स्थान पर अच्छा वेतन मिल सके। क्योंकि इस समय इतने पैसे में कुछ नहीं होता है।

भाजपा पार्षद गब्बर भाटी और संग्राम सिंह ने सवाल उठाए। भाटी ने कहा कि एक के स्थान पर दो टेंडर लगाए गए हैं। पूरे मामले की जांच आयुक्त करें और जांच प्रतिवेदन परिषद में पेश करें। आडिट की आपत्तियों पर भी उन्होंने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि टेंडरों को निरस्त करके फिर से टेंडर आमंत्रित करना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि निगम सफाई कर्मचारियों के भरोसे पर है। उनके टेंडर में 10 माह की देरी हो चुकी है। दस माह पहले स मेलन में इस विषय पर बात हुई थी। आज दस माह बाद फिर से टेंडर की बात हो रही है। एमआईसी की आपत्ति के बाद आडिट विभाग जागा और आपत्तियां लगाई।

उन्होंने पार्षदों से कटाक्ष करते हुए कहा कि 30 -30 करोड़ के दो टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। इससे प्रत्येक वार्ड में इतने कर्मचारी मिल जाएंगे कि उन्हें निगरानी रखनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार ने हाल ही में आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर नए दिशा निर्देश दिए हैं। उसका पत्र निगम उन्होंने परिषद में रखने के लिए दिया था। परन्तु वह पढ़ा नहीं गया।

उन्होंने कहा कि ठेकेदार नियमों का पालन नहीं करता। कर्मचारियों का पीए, ईएसआई नहीं कटती है। फिर भी अफसर मौन रहते हैं। पिछली बार बजट में 46 करोड़ रुपए का प्रावधन था, इस बार 60 करोड़ कर दिया गया है। बजट की तैयारी नहीं होने पर भी उन्होंने सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले बजट को पास करवा लेना चाहिए। वर्ना चार महीने बाद काम होंगे। उन्होंने निगम सभापति के द्वारा बजट की तैयारी किए जाने के लिए लिखे पत्र पर उनका आभार माना और पूरे सदन ने उनकी सजगता पर मेज थपथपाकर हौंसला अफजाई की।

आउट सोर्स कर्मचारियों को रखे जाने के संबंध में भाजपा पार्षद प्रकाश शर्मा ने कहा कि एमआईसी ने दो टेंडर रखने का फैसला सोच-समझकर लिया है। दोनों ही प्रस्ताव अलग-अलग नेचर के हैं। इनकी जरूरत भी उसी हिसाब से है। कांग्रेस के पार्षद प्रस्ताव को ठीक तरह से नहीं पढ़ते हैं इसलिए उनके सामने इस तरह की समस्या आती है।

आउटसोर्स टेंडर के प्रस्ताव पर भाजपा पार्षद रजत मेहता ने बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्षद आडिट की आपत्ति को लेकर जो सवाल उठा रहा है। यह निराधार है। आडिट आपत्ति लेता रहता है और उसका निराकरण होता रहता है। टेंडर दस माह से लटका हुआ है। अगर इस बार भी नहीं पास किया गया तो फिर से अटक जाएगा। इसलिए इसे पास कर देना चाहिए।

भाजपा पार्षद सत्यनारायण चौहान मु यमंत्री मोहन यादव के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा िक उज्जैन से अयोध्या में पांच लाख लड्डू भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता लच्छेदार भाषण देते हैं। टेंडर की प्रक्रिया नियमानुसार की गई है। पिछली बार टेंडर में जो कमियां रह गई थी, उसे इस बार दूर कर दिया गया है। इस बार केवल एक गड़बड़ी हुई है कि काम नहीं हुआ और आडिट के पास प्रस्ताव को भेज दिया गया। दो प्रस्ताव की जगह एक 30 करोड़ के प्रस्ताव को पास करें। उसके बाद दूसरे प्रस्ताव को 15 दिन बाद पहली वाली शर्तों के आधार पर पास कर सकते हैं।

भाजपा पार्षद पंकज चौधरी ने आउटसोर्स मामले में बोलते हुए कहा कि हमें प्रयास करना चाहिए कि उज्जैन स्वच्छता में पहले नंबर पर आए। उन्होंने कहा कि तकनीकी समस्या को दूर करके प्रस्ताव को पास करना चाहिए। उनके बाद वार्ड में अभी 30 कर्मचारी हैं। जबकि 50 की आवश्यकता है। उनके वार्ड में 25 कालोनी आती है। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल हो गया है। पार्षद दल के आफिस में झाड़ू लगाने और काम करने वाला कर्मचारी तक नहीं है।

कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी ने कहा कि प्रकरण को तत्काल स्वीकृति देनी चाहिए। पिछले दिनों वार्ड के टेंडर आमंत्रित किए गए थे। उन्हें कोई लेने आगे नहीं आया और एक टेंडर को 5-5, 6-6 बार प्रकाशित कराना पड़ा था। अगर इस बार फिर से आचार संहिता लग गई तो टेंडर अटक जाएगा और काम नहीं हो पाएंगे। सभी पार्षद काम चाहते हैं। उनके वार्ड में नई होटलें खुल गई हैं और नदी का क्षेत्र आता है। त्योहार से भीड़ रहती है। इसलिए सफाई कर्मचारियों की उन्हें जरूरत रहती है।

भाजपा पार्षद शिवेंद्र तिवारी ने कहा कि पहला टेंडर छह प्रतिशत अधिक में था। इस बार साढ़े तीन और साढ़े चार में आया है। इस बार रेट कम है। प्रस्ताव पास होने से पहले ही आडिट में क्यों गया, यह रोशन सिंह ही बता सकते हैं। क्योंकि उन्हें पता लगा है कि इस प्रस्ताव के विषय में वकीलों से भी राय ली गई है। जब आउट सोर्स ने काम बंद कर दिया तो पूरे शहर को परेशानी उठानी पड़ी थी। दो भागों में टेंडर करने का मतलब है कि शादी हुई नहीं और अभिभावक सेंटमेरी में बच्चे के एडमिशन के लिए फार्म लेने पहुंच गए।

आउटसोर्स मामले में निगम सभापति कलावति यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले दो माह का समय दिया गया था। परन्तु इसे पास करने में अभी दस माह लगा दिए गए हैं। इससे सदन में लिए गए फैसला के प्रति अस मान दिखता है। निगम अफसरों को ध्यान रखना चाहिए कि परिषद की बैठक में जो फैसला किया जाता है वह समय सीमा में पूरा होना चाहिए।

यह आसंदी की अवमानना का मामला बनता है। पूरे शहर के चुने हुए प्रतिनिधि सदन में बैठते हैं। इसलिए भविष्य में इस तरह से नहीं होना चाहिए। उन्होंने निगम आयुक्त आशीष पाठक से पूछा कि टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करने में कितना समय लगेगा, आयुक्त ने फरवरी अंत तक इसे पूरा करने का आश्वासन दिया है। हालांकि पार्षदों ने इस पर आपत्ति ली थी, परन्तु पाठक ने कहा कि नियम के तहत काम करने में इतना समय लगेगा।

नामकरण मामले में पार्षद भाटी और राय में हुई नोंकझोंक

कांग्रेस पार्षद सपना सांखला ने वार्ड में सडक़ के नामकरण में पार्षद की राय लिये जाने का मुद्दा उठाया था। इस पर उनका समर्थन कांग्रेस पार्षद रवि राय ने किया तो भाजपा पार्षद गब्बर भाटी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वे नए पार्षद नहीं है। वे उस वार्ड में पैदा हुए हैं। पार्षद को किसी के विषय में बोलने से पहले उसके विषय में जाने लेना चाहिए। इस पर राय ने कहा कि पार्षद से हस्ताक्षर करा लेने में कोई बुराई नहीं है। बाद में भाटी भी इस बात पर सहमत हो गए।

ये फैसले भी लिए गए सम्मेलन में

  • सम्मेलन में कार्यसूचि के प्रकरणों में कार्तिक मेला एवं प्रदर्शनी आयोजन की सैद्धांतिक स्वीकृति की पुष्टि
  • नमामि गंगे एनएमसीजी स्वीकृत योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों की ई निविदा आमंत्रण
  • चौधरी एव्हर फ्रेश से दवा मार्केट तक के मार्ग का नामकरण स्व. कृष्णमंगल कुलश्रेष्ठ मार्ग करने
  • सिंधी कालोनी चौराहे से लेकर मंछामन चौराहा के मध्य के मु य मार्ग का नाम पूर्व विधायक स्व. शिवा कोटवानी के नाम पर किये जाने
  • उर्जा बचत को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम अंबोदिया स्थित पीएचई के फिल्टर प्लांट के आसपास रिक्त पडी भूमि पर 25 मेगावॉट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित
  • लोकसेवा केन्द्र में हितग्राहीमूलक योजना के आवेदन जमा किये जाने का प्रस्ताव पास किया गया।
  • शहर पथ प्रकाश व्यवस्था संधारण/संचालन सामग्री सहित लेबर कार्य आउटसोर्स से ऑनलाइन निविदा माध्यम से कराये जाने की अनुमति व स्वीकृति प्रदान की गई।

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