एक माह में लहसुन के दाम बढऩे से आम उपभोक्ता परेशान
उज्जैन, अग्निपथ। पूरे प्रदेश में लहसुन के दाम ने आग लगा रखी है। चार सौ से पांच सौ रुपए किलो में बिक रहा है। कई लोगों तो दाम बढऩे की वजह से लहसुन खाना ही छोड़ दिया है। वहीं किसान का कहना है कि उसे मेहनत के बाद भी दाम नहीं मिल रहा है। बिचौलियों की वजह से लहसुन इतना महंगा बिक रहा है।
किसानों के हितों की रक्षा के लिए बने कृषि कल्याण विभाग के पास कोई तरीका ही नहीं है कि वह इसके बढ़ते दाम को रोक पाए। यानी उपभोक्ता जो ज्यादा भुगतान कर रहा है वह सीधे बिचौलियों की जेब में जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक उज्जैन से 11 प्रदेशों में एक माह के अंदर दो करोड़ से 84 लाख से ज्यादा का लहसुन गया है। यानी माडल रेट 8000 के हिसाब से 3500 कुतंल से ज्यादा का लहसुन प्रदेश से बाहर बिकने के लिए गया और किसान को उसका लाभ नहीं मिला। किसानों का कहना है कि लहसुन 8 हजार से 34 हजार रुपए क्विंटल बिका है। उन्हें ज्यादा दाम का लाभ एक दो दिन ही मिला है।
ज्यादातर किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है। क्योंकि किसान का लहसुन अगर हजार रुपए क्विंटल में बिका तो उन्हें 80 रुपए रुपए क्विंटल के भाव मिले। वहीं बाजार में यह लहसुन 400 रुपए किलो में बिका है तो इससे फायदा बिचौलियों को हुआ है। किसान को नहीं। उपभोक्ता जो महंगे दाम में खरीद रहा है उससे किसान को फायदा बेहद मामूली मिल रहा है।
उज्जैन से 8900 कट्टे बाहर बिकने गए
उज्जैन सब्जी मंडी से एक फरवरी से 15 फरवरी के बीच में 8900 लहसुन के कट्टे आंधप्रदेश, बिहार, गुजरात, यूपी, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरला में बिकने गए। इसकी कीमत दो करोड़ 84 लाख रुपए से ज्यादा माडल रेट के मुताबिक होती है। जबकि इन दिनों में लहसुन अधिकतम 34000 और न्यूनतम 800 रुपए क्विंटल के दाम में बिकी है।