उज्जैन, अग्निपथ। कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा नदी में 17 किलोमीटर दूर तक पहुंच गया है। इससे शिप्रा को जो पेयजल के लिए नर्मदा का पानी मिला था, वह भी गंदा हो गया है। अब हालात यह हो गए हैं कि शहर में गंदे पानी को बाहर निकालने में मशक्कत करेगा। करीब पांच दिन इस काम में लगेंगे।
इस संबंध में पीएचई के उपयंत्री मनोज खरात ने बताया कि कान्ह का गंदा पानी 17 किलोमीटर दूर तक चला गया है। इसे पूरी शिप्रा में गंदा पानी मिल गया है। अब इस गंदे पानी की सप्लाई शहर में नहीं की जा सकती है। इसलिए पूरी शिप्रा को खाली करने का फैसला लिया गया है। इसे खाली करने में पांच दिन लगेंगे। गंदे पानी को बाहर निकालने के लिए गऊघाट के तीन गेट खोल दिए गए हैं। जरूरत पडऩे पर अन्य गेटों को भी खोला जाएगा।
कान्ह बैराज का कलेक्टर ने किया निरीक्षण
ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए बेहतर जल प्रबंधन किया जाए। यह निर्देश कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं नगर निगम के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने बुधवार को राघो पिपलिया पहुंचकर यहां स्थित कान्ह बैराज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां ओवरफ्लो हो रहे दूषित जल की समस्या के निराकरण के निर्देश पीएचई विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छ जल की आपूर्ति बढ़ाएं। इस दौरान नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एनके भास्कर सहित अनाधिकार उपस्थित रहे।
आज से दक्षिण विधानसभा में शाम और उत्तर में सुबह पेयजल वितरण
नगर निगम में पीएचई के उपयंत्री मनोज खरात ने बताया कि कलेक्टर नीरज सिंह और निगम आयुक्त आशीष पाठक के निर्देश के बाद पेयजल सप्लाई की व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से उज्जैन दक्षिण में सुबह के स्थान पर शाम को पेयजल का वितरण किया जाएगा। वहीं उज्जैन उत्तर में सुबह नियमित रूप से पेयजल का वितरण किया जाएगा। ताकि दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में किसी तरह की परेशानी लोगों को न हो।