किसान और पूर्व मंडी अध्यक्ष बोले इस साल 70 बीघा जमीन में लगाऊंगा राजमा की फसल
उज्जैन, (राजेश रावत) अग्निपथ। आय बढ़ाने के लिए उज्जैन के किसान भी नए प्रयोग करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। इसका लाभ भी उन्हें नेट प्राफिट के रूप में मिल रहा है। इसका उदाहरण उज्जैन से 15 किलोमीटर दूर बाढ़ कुम्मैद में रहने वाले किसान और उज्जैन कृषि उपज मंडी के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर पाटीदार बने हैं। पाटीदार ने राजमा की फसल लगाई थी और उसका बंफर उत्पादन हुआ। गुरुवार को उज्जैन मंडी में उनके राजमा की फसल 9300 रुपए क्विंटल के हिसाब से बिकी है। इससे उन्हें एक बीघा में 40 हजार रुपए बीघा का लाभ सभी खर्चे काटने के बाद हुआ है। जो इस समय किसी भी फसल से नहीं मिला है।
किसान पाटीदार ने बताया पिछले साल फरवरी 2023 में सभी फसलों की कटाई से फ्री हो गए थे। इसके बाद उन्होंने राजमा की फसल लगाने पर विचार किया। यूट्यूब पर कई वीडियो देखने के बाद पता चला कि राजमा के उत्पादन में जिस तापमान की जरूरत होती है वह हमारे यहां रहता है। इसलिए उत्तराखंड से राजमा का बीज लेकर आए।
8 सिंतबर को एक खेत में अक्टूबर में दूसरे खेत और नबंवर में तीसरे खेत में बो दिया था। इसकी फसल मार्च में कटी तो बेचने के लिए मंडी में लेकर आए और उसे गोविंद ट्रेडर्स के प्रोपराइटर हजारीलाल मालवीय ने खरीदा है। राजमा की नीलामी उज्जैन मंडी में पहली बार हुई और यह 9300 रुपए क्विंटल में बिकी है।
90 दिन में फसल पकी और इतना लाभ किसी में नहीं मिला
पूर्व मंडी अध्यक्ष और किसान रामेश्वर पाटीदार का कहना है कि राजमा की फसल के जरूरी तापमान उज्जैन में भी रहता है। फसल 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस पर खर्चा 10 से 12 हजार रुपए बीघा आया है। जबकि बीज, दवाई, कटिंग समेत सभी खर्च को काटने के बाद 40 हजार रुपए का नेट प्राफिट हुआ है। जबकि आज जो भी फसल लगाई जा रही है। उससे इतना लाभ नहीं मिलता है।
इस साल 70 बीघा में लगाऊंगा राजमा
रामेश्वर पाटीदार का कहना है कि इस साल मिले लाभ से प्रेरित होकर आने वाले समय में मैंने अपनी 70 बीघा जमीन पर राजमा की फसल बोने का निर्णय किया है। मेरा प्रयास है कि उज्जैन के 200 से ज्यादा किसान इस फसल को लगाकर लाभ कमाएं।