धार, अग्निपथ। धार नगर पालिका के बजट सम्मेलन में जमकर हंगामा हुआ। इसका कारण 2024-25 के बजट को लेकर चल रहा विवाद रहा। दरअसल, पार्षदों का आरोप है कि उन्हें बजट की कॉपी समय पर नहीं मिली, जिसके चलते वे बजट का अध्ययन नहीं कर पाए। साथ ही, कुछ पार्षदों ने अपने वार्डों में विकास कार्यों में असंतुलन और भेदभाव का आरोप भी लगाया।
बैठक में नगर पालिका द्वारा 350 करोड़ 41 लाख 14 हजार रुपये की अनुमानित आय और 350 करोड़ 24 लाख 80 हजार रुपये के अनुमानित खर्च वाला बजट पेश किया गया था। लेकिन, जैसे ही बजट को पारित कराने की कोशिश की गई, वैसे ही हंगामा शुरू हो गया। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के पार्षदों ने एक सुर में कहा कि उन्हें बजट की कॉपी नहीं मिली है, इसलिए वे इस पर सहमति नहीं दे सकते।
भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे। नगर पालिका द्वारा जो भी निर्माण व विकास कार्य किये गए हैं, उसमें अत्यधिक असंतुलन होकर कुछ विशेष वार्ड में ही सर्वाधिक कार्य हुए है। नाली निर्माण, जाली लगाने, विधुत मोटर नहीं लगाने, डैनेज लाइन डालने जैसे कई कार्यों के नहीं होने की बात पार्षदों ने कही। नेता प्रतिपक्ष करीम कुरैशी ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा की परिषद होने के बाद भी उनके ही पार्षदों के वार्डों में काम नहीं हो रहे, तो विपक्षी पार्षदों के वार्डों में कब काम होंगे।
पार्षदों का कहना था कि सम्मेलन की सूचना पर दिनांक 7 मार्च थी, जो उन्हें 11 मार्च को मिला। इसके बाद 12 मार्च तक बजट की कॉपी नहीं आई। भाजपा पार्षदों के साथ कांग्रेसी पार्षदों के दल ने सीएमओ को एक ज्ञापन सौंपा व बजट को पुन पेश करने की मांग रखी। बैठक में बजट को पास करने के लिए वोटिंग का रास्ता चुना गया। जिसमें नपा अध्यक्ष सहित सभापतियों ने बजट पर सहमति दी। शेष सभी पार्षदों ने आज बजट पेश नहीं होने की बात कही।
हंगामे के बाद वोटिंग कराने की बात चली, लेकिन अधिकांश पार्षदों ने बजट पारित करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें पहले बजट की कॉपी दे दी जाए ताकि वे उसका अध्ययन कर सकें। अंतत: करीब दो घंटे चले हंगामे के बाद यह फैसला लिया गया कि आगामी दिनों में विशेष सम्मेलन बुलाया जाएगा। उसमें पार्षदों को पहले से ही बजट की कॉपी उपलब्ध करा दी जाएगी।
बैठक में सीएमओ निशिकांत शुक्ला का कहना था कि कुछ पार्षदों को पहले ही बजट की कॉपी मिल चुकी थी। हालांकि, ज्यादातर पार्षदों के इस दावे को कि उन्हें कॉपी नहीं मिली, को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए उनकी मांग को देखते हुए विशेष सम्मेलन बुलाने का फैसला लिया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य हो रहे हैं।