उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए दो अधिकारी और एक कर्मचारी द्वारा दी जा रही एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा निरस्त कर दी है। कारण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने महाविद्यालय से क्लासेस संचालित होने का टाईम टेबल मांगा था। जिसमें क्लासेस लगने और ऑफिस का समय एक ही होना सामने आया।
अंतत: विश्वविद्यालय प्रशासन ने माना कि ऑफिस समय में ही नियमित क्लासेस कैसे कर सकते हैं। इसके अलावा एक अधिकारी गोपनीय विभाग में पदस्थ होकर भी परीक्षा में शामिल हुए थे। हालांकि जानकारी के बाद प्रशासन ने एक प्रश्रपत्र के बाद ही अधिकारी को गोपनीय विभाग से हटा दिया था।
विक्रम विश्वविद्यालय की एलएलबी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में गोपनीय विभाग में पदस्थ सहायक कुलसचिव चैनराम पंवार, ऑनलाइन विभाग के सहायक कुलसचिव गौरीशंकर बरार और अध्ययनशाला में पदस्थ कर्मचारी संतोष भालसे 27 फरवरी से प्रारंभ हुई एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा में शामिल हुए थे। प्रथम सेमेस्टर में चार प्रश्नपत्र होते है। जिसकी परीक्षा पूर्ण हो चुकी है।
इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सांदीपनि विधि महाविद्यालय से टाईम टेबल की जानकारी ली तो पता चला की एलएलबी की नियमित कक्षाएं संध्या 4.30 बजे से संचालित होती है। जबकि ऑफिस समय 5.30 बजे तक होता है। ऐसे में अधिकारी व कर्मचारी नियमित क्लासेस कैसे अटैंड कर सकते है।
नियमों के तहत कुलसचिव डॉ. रविशंकर सोनवाल ने दोनो अधिकारी व एक कर्मचारी की परीक्षा निरस्त करने के आदेश 19 मार्च को जारी कर दिए। ऐसे में तीनों की परीक्षा निरस्त हो जाएगी।
सवाल गोपनीयता को लेकर भी उठे
विश्वविद्यालय के गोपनीय मेें पदस्थ एआर पवांर को लेकर यह शिकायत भी पहुंची थी कि जो अधिकारी गोपनीय शाखा में पदस्थ है, वे कैसे किसी परीक्षा में शामिल हो सकते है। नियम यह है कि इस विभाग में पदस्थ कर्मचारी के पारिवारिक सदस्य विश्वविद्यालय की परीक्षा में शामिल होते है तो संबंधित कर्मचारी भी सूचना देकर गोपनीय विभाग से हट जाते है। जबकि संबंधित को अनुमति देने के साथ ही परीक्षा फार्म भरने के बाद गोपनीय विभाग से हटाना था।
कारण है कि गोपनीय विभाग द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा के प्रश्रपत्र बनवाने से लेकर वितरण करने और इसके बाद उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कराने की जिम्मेदारी होती है। विभाग का मुख्य सहायक कुलसचिव ही होता है। ऐसे में प्रश्रपत्र बनवाने और उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कराने वाले परीक्षा में शामिल होंगे तो गोपनीयता कहां रहेगी।
हालांकि विश्वविद्यहालय प्रशासन ने एआर पंवार को तत्काल ही गोपनीय विभाग से हटा दिया था।