नलखेड़ा क्षेत्र के नदी नाले उफान पर
नलखेड़ा, अग्निपथ। नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हुई बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नाले उफान पर आ गए हैं। जिससे कई ग्रामों का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट गया। वहीं मां बगलामुखी मंदिर पहुंच मार्ग पर स्थित नाले की पुलिया पर पानी आ जाने से मंदिर जाने का रास्ता शनिवार दोपहर कुछ देर के लिए बंद हो गया।
शुक्रवार रात 12 बजे से नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रिमझिम व झमाझम बारिश का क्रम शुरू हुआ जो निरंतर शनिवार दोपहर 3 बजे तक जारी रहा। पूरी रात हुई भारी बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नाले उफान पर आ गए वहीं फसलों को भी फायदा हुआ। नगर में शुक्रवार रात्रि को पूरी रात हुई बारिश के चलते मां बगलामुखी पहुंच मार्ग पर स्थित नाले की रपट पर पानी आ जाने के कारण मां बगलामुखी पहुंच मार्ग दोपहर में कुछ देर के लिए बंद रहा।
जिसके चलते मंदिर में जाने वाले भक्तों को ईदगाह स्थित मार्ग से मंदिर पहुंचना पड़ा जिससे प्रतिदिन जाने वाले दर्शनार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
लखुंदर नदी में इस साल पहली बाढ़
इस वर्ष बारिश का समय आधे से अधिक बीत गया है लेकिन नगर की जीवनदायनी लखुंदर नदी में बाढ़ नहीं आई थी। शुक्रवार को रात्रि में नदी के ऊपरी क्षेत्र में हुई बारिश के चलते लखुंदर नदी में पहली बार बाढ़ आई है। जिसके चलते लखुंदर नदी का पानी बड़ी पुलिया से करीब 8 -10 फीट नीचे था।
जिले में वर्षा की स्थिति
आगर जिले में इस वर्ष अब तक मानसून अवधि में 363.8 एमएम औसत वर्षा दर्ज की गई है। जिसमें आगर में 490 एममए, बड़ौद 445 एमएम, सुसनेर में 228एमएम तथा नलखेड़ा में 291 एमएम वर्षा शामिल है। गत वर्ष इस अवधि में 451.5 एमएम औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
दिनभर हुई रिमझिम बारिश से छोटी पुलिया पर आया पानी
झारड़ा, अग्निपथ। रिमझिम बरसे सावन की कहावत शनिवार को सुबह से देखने को मिली। शुक्रवार देर रात से ही बुंदाबादी ने माहौल बनाना शुरू कर दिया था। सुबह होते-होते सावन सेहरा का पानी गिरने लगा। जो शनिवार देर शाम तक जारी रहा। कभी तेज तो कभी धीमी बरसात का यह दौर दिनभर चलता रहा।
आखिरकार नगर मुहाने बहने वाली गांगी नदी में देर शाम पानी आ ही गया। और छोटी पुलिया उलांघ कर अपने गंतव्य की ओर बढऩे लगा। पानी की खींचतान के बीच पुलिया पर पानी आने से नगर के वरिष्ठजनों में खुशी देखने को मिली।