ग्रीन बेल्ट की जमीन पर पौधों के स्थान पर लगाया मिक्सर और डामर प्लांट, जिम्मेदारों को होश नहीं
धार, अग्निपथ। जिले की औद्योगिक नगरी पीथमपुर में ग्रीन बेल्ट की सरकारी जमीन जिम्मेदारों ने निजी निर्माण कंपनी को सौंप दी है। लाखों रुपए खर्च कर हर साल इस जमीन पर पौधारोपण करने का ढिंढोरा तो पीटा जाता है लेकिन हकीकत में कंपनी के भारी वाहनों की वजह से ये पौधे दम तोड़ देते हैं और ग्रीन बेल्ट विकसित ही नहीं हो पा रहा है।
पीथमपुर सेक्टर तीन में अवंतिका गैस फिलिंग सेंटर के आगे एक दवाई फैक्ट्री के सामने ग्रीन बेल्ट की जमीन छोड़ी गई है। जिस पर हर साल पौधारोपण और अन्य वृक्षों को सहेजने के नाम पर बड़ी धनराशि भी खर्च होती लेकिन उस भूमि पर अक्सर भूमाफिया दबंगों का कब्जा रहता है। जिसके चलते उस भू भाग पर न पेड़ हैं न पौधे। यदि वहां हैं तो बड़ा वाहन पार्किंग एरिया, मिक्सर प्लांट आदि स्थापित है।
ज्ञात हो कि इस ग्रीन बेल्ट की भूमि पर काफी लंबे समय से वीआरएस निर्माण कंपनी की मशनरी और संसाधन पड़े हुए हैं। यह कंपनी मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के लिए औद्योगिक क्षेत्र में सडक़, नाली और अन्य निर्माण कार्य कर रही हैं। यहां पर वीआरएस नामक कंपनी द्वारा अपना प्लाट का निर्माण कर लिया गया है।
सवाल यह उठता हैं की औद्योगिक क्षेत्र में कोई भी गरीब किसी स्थान पर चाय, पान या अन्य दुकान चलाने के लिए गुमठी रख ले तो अधिकारी भारी पुलिस बुलाकर उसे हटा देते हैं किंतु लंबे समय से इसे हटाने की हिम्मत कोई नही कर पा रहा हैं। जिम्मेदार भी हाथ पर हाथ रखकर एसी कमरे में में बैठे है।
नेता-अधिकारी सब मौन
वातावरण शुद्ध रखने और मवेशियों के लिए चरनोई क्षेत्र की दृष्टि से ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित जमीन को मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआइडीसी) द्वारा क्षेत्र में कार्यरत निर्माण एजेंसियों को कई वर्षों तक अपने सामान, वाहन और मशीनरी खड़ी करने के लिए सुपुर्द कर दिया जाता है। इसमें एमपीआईडीसी के अधिकारियों की न केवल सहमति होती हैं बल्कि उन्हें भी वर्षों से इसका तय किराया मिलता रहता हैं। खास बात यह है कि अधिकारियों की लापरवाही पर स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों की भी मौन स्वीकृति है।
दिखवाते है
ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कहां अतिक्रमण हुआ है इसका पता लगवाते हैं।
-प्रियंक मिश्रा कलेक्टर धारअगर इस तरह से कुछ हुआ है तो पता करते है। यदि अतिक्रमण पाया गया तो कार्रवाई कर जगह खाली करवाएंगे।
-सपना जैन प्रबंधक एमपीआईडीसी धार