अर्जुन सिंह चंदेल
गतांक से आगे
चलिये आज अर्जुन के बाण के साथ नगर निगम सीमा से बाहर ले चलता हूँ, आपको थोड़ मन भी बहल जायेगा और कुछ जानकारी भी आपसे साझा हो जायेगी। उज्जैन से लगभग 16 किलोमीटर दूर अम्बोदिया नामक गाँव है जहाँ बिल्केश्वर महादेव विराजते हैं, यह पंचक्रोशी यात्रा का पड़ाव स्थल भी है।
यह वही ग्राम है जहाँ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का गौरवशाली अतीत दर्ज है, यहीं पर उज्जैन के 6 लाख नागरिकों की प्यास बुझाने वाला गंभीर बाँध है। इसी जगह पर हमारे दो जलशोधन संयंत्र है।
पहले बात कर लेते हैं एक ऐसे बाँध कि जिसने इतिहास रच दिया है। अमूमन बाँध बनाने का काम सिंचाई विभाग करता है, सारे देश में निर्मित बाँध सिंचाई विभाग (वर्तमान में जल संसाधन विभाग) ने ही बनाये हैं, परंतु उज्जैन का गंभीर बाँध इकलौता ऐसा बाँध है जिसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बनाया है।
तत्कालीन अभियंताओं ने अपनी कत्र्तव्य निष्ठा का अद्रभुत और अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए तीन साल के रिकार्ड समय में चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा करकर इतिहास रच दिया। उज्जैन के नागरिकों को सदैव ऐसे विश्वकर्मा के वंशजों का ऋणी रहना चाहिये।
पहले हर साल कच्चा बांध बनाकर पिलाते थे पानी
सन् 1992 के देश के तात्कालीन प्रधानमंत्री श्री पी.बी. नरसिंहाराव और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुंदरलाल जी पटवा के करकमलों से इस बाँध को जनता को समर्पित किया गया था। उज्जैन के नागरिकों की वर्षों पुरानी पेयजल समस्या से निजात मिली। 1992 के पूर्व हर वर्ष मिट्टी का अस्थायी बाँध बनाकर 5 एम.जी.डी. (मिलियन गैलन प्रतिदिन) क्षमता के जलशोधन संयंत्र में पानी शुद्ध करके उज्जैन पहुँचाया जाता था।
सन् 1992 में गंभीर बाँध के साथ ही 7.5 एम.जी.डी. (मिलियन गैलन प्रतिदिन) क्षमता का एक और जलशोधन संयंत्र बनाया गया। इस तरह हमारे अंबोदिया स्थित जलशोधन संयंत्र की क्षमता बढक़र 12.5 एम.जी.डी. की हो गयी। इसके अतिरिक्त गंभीर बाँध से गऊघाट जलशोधन संयंत्र तक भी 12 एम.जी.डी. रॉ वाटर (बिना उपचार किया हुआ पानी भेजा जाता है।) जिसे गऊघाट पर शोधित किया जाता है।
अब मैं आपको अंबोदिया पर स्थापित मशीनरी के बारे में बताना चाहता हूँ कि हम अभी भी बाबा आदम के जमाने की मशीनरी ही उपयोग में ले रहे हैं सबसे पहले बात करते हैं इंटेकवेल (बाँध का वह स्थान जहाँ से मोटर पंपों द्वारा पानी खींचा जाता है) कि वहाँ पर 938 हार्स पॉवर के दो पंप वर्तमान में कार्यरत है दोनों ही पंप आज से 20 साल पूर्व लगाये गये थे। दोनों ही पंपों के पेनल बोर्ड गंभीर रूप से बीमार हैं।
215 हार्स पावर के तीन पंप है जो आज से 32 साल पूर्व 1992 में स्थापित किये गये थे तीन में से एक ही पंप कार्यरत है बाकी दो पंप खराब है। छठा पंप 180 हार्स पॉवर का है जिसे 2016 में स्थापित किया गया था इसकी भी हालत मरणासन्न है।
कुल मिलाकर इंटेकवेल के 6 में से दो ही पंप कार्य कर रहे हैं बाकी के 4 पंप बीमार है। 32 वर्षों पुराने पंपों से और कितनी सेवा की उम्मीद की जा सकती है। समय की आवश्यकता है कि आगामी सिंहस्थ के मद्देनजर और नगर की पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिये इन्हें तत्काल बदला जाना चाहिये।
(कल चलेंगे ट्रीटमेंट प्लांट पर)