उज्जैन-इंदौर के बीच एक और फोरलेन हाईवे बनेगा

सिंहस्थ बायपास फोरलेन को भी मंजूरी

भोपाल। सिंहस्थ-2028 को लेकर डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने इंदौर-उज्जैन में 2312 करोड़ रुपए से ज्यादा के सडक़ निर्माण कार्यों को मंजूरी दी है। इसमें उज्जैन सिंहस्थ बायपास को टू लेन से 4 लेन किया जाएगा। 20 किलोमीटर की इस सडक़ के निर्माण की लागत 701 करोड़ होगी।

इसके अलावा उज्जैन-इंदौर के बीच 48 किमी का फोर लेन ग्रीन फील्ड रोड बनेगा। 1370 करोड़ की लागत वाली इस सडक़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। यह सडक़ पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ेगी। हिंगोरिया-देपालपुर के बीच टू लेन रोड बनेगी। 32 किमी सडक़ के निर्माण की लागत 239.38 करोड़ की लागत आएगी।

इसके साथ ही एक हफ्ते की विदेश यात्रा से लौटने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में जर्मनी और लंदन से मिले 78 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर चर्चा की। वहीं उद्योग विभाग से संबंधित रियायतों और विधानसभा के शीत कालीन सत्र में पेश होने वाले विधेयकों पर भी मंत्रियों से विचार-विमर्श किया गया।

एक हफ्ते की विदेश यात्रा से लौटने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कैबिनेट बैठक ली। जिसमें जर्मनी और लंदन से मिले 78 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई। वहीं उद्योग विभाग से संबंधित रियायतों और विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले विधेयकों पर भी मंत्रियों से विचार-विमर्श किया गया।

निवशकों को 884 एकड़ जमीन आवंटन की तैयारी

7 दिसंबर को नर्मदापुरम में होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान नवकरणीय ऊर्जा के मैन्युफैक्चरिंग पार्ट्स बनाने के लिए 884 एकड़ जमीन निवेशकों को दी जाएगी। पहले 442 एकड़ जमीन चिह्नित की गई थी। अब 442 एकड़ जमीन और आरक्षित कर दी गई है।

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि देशभर में 500 गीगावॉट सोलर एनर्जी के लिए काम हो रहा है। इसको लेकर एमपी भी तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा में लगने वाली सामग्री के लिए मैन्युफैक्चरिंग पार्क बनाने के लिए एमपी का चयन हुआ है।

नर्मदापुरम जिले के बाबई मोहासा में इसके लिए 442 एकड़ जमीन चिह्नित थी। यहीं पर 442 एकड़ जमीन और दी जाएगी। इस तरह कुल 884 एकड़ जमीन मैन्युफैक्चरिंग का काम करने वाले निवेशकों को दी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार भी सहयोग करेगी।

11 से 26 दिसंबर तक जन कल्याण पर्व मनाया जाएगा

इसके साथ ही प्रदेश में किसान, महिला, युवा और गरीब के कल्याण के लिए सभी जिलों में 11 से 26 दिसंबर तक जन कल्याण पर्व भी मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसके लिए बैठक लेंगे और जनप्रतिनिधियों से शामिल होने को कहेंगे।

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में पार्टनर होंगे यूके और जर्मनी

मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सीएम ने पिछले दिनों लंदन और जर्मनी की यात्रा के दौरान इन्वेस्टमेंट को आकर्षित किया है। यूके और जर्मनी फरवरी 2025 में होने वाली जीआईएस (ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट) में पार्टनर होंगे। निवेशकों के साथ संवाद के दौरान 78 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

विजयवर्गीय ने कहा कि लंदन प्रवास के दौरान सीएम यादव ने संविधान दिवस पर बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की है। जहां भी सीएम गए, वहां भारतीय मूल के लोगों ने स्वागत किया। जर्मनी में नई फ्रेंड्स ऑफ एमपी टीम का गठन किया गया है। वारविक यूनिवर्सिटी के रिसर्च ग्रुप का दौरा भी सीएम ने किया है।

विजयवर्गीय ने बताया 2025 प्रदेश में उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। विज्ञान, उद्योग, एमएसएमई, टेक्नोलॉजी, माइनिंग, नवीनीकरण, उर्जा, उद्यानिकी आदि विभागों की साल भर तक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

प्रभार के जिलों में सोयाबीन-धान खरीदी की समीक्षा करेंगे मंत्री

विजयवर्गीय ने कहा कि सीएम यादव ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि सोयाबीन और धान के उपार्जन की समीक्षा मंत्री अपने प्रभार के जिलों में करें। 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक खरीदी की जाना है। इसके तहत अब तक 77 हजार से अधिक किसानों से 2 लाख 4 हजार मीट्रिक टन की खरीदी हो चुकी है। रोज 20 हजार मीट्रिक टन की खरीदी औसतन हो रही है।

विजयवर्गीय बोले, टंट्या मामा को सलामी नहीं देने पर होते हैं एक्सीडेंट

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कैबिनेट बैठक में टंट्या मामा की पुण्यतिथि 4 दिसंबर को लेकर चर्चा हुई है। विजयवर्गीय ने कहा कि टंट्या मामा का जीवन क्रांतिकारी रहा है। वे आदिवासियों के बीच रॉबिन हुड के नाम से जाने जाते हैं। पातालपानी के कालाकुंड में आज भी ट्रेन रुक कर सलाम करती है, सायरन बजाती है, सलामी देती है। अंग्रेजों के गजेटियर में इसके बारे में लिखा हुआ है।

विजयवर्गीय ने कहा कि कई बार कुछ लोगों ने ऐसा नहीं किया तो ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया। ऐसी आदिवासियों की मान्यता है कि यहां से ट्रेन गुजरने के दौरान टंट्या मामा को सलामी नहीं देने पर ट्रेन एक्सीडेंट हो जाते हैं।