31 दिसम्बर को कम पहुंचे श्रद्धालु; महाकालेश्वर आने वाली भीड़ डायवर्ट हुई

प्रयागराज कुंभ और राम मंदिर निकले, होटल रहीं खाली

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में 31 दिसम्बर और 1 जनवरी पर जितने श्रद्धालु आने की संभावना मंदिर प्रशासन जता रहा था, उतने श्रद्धालु उज्जैन भगवान महाकाल के दर्शन को 31 दिसम्बर को नहीं पहुंचे। मंदिर प्रशासन ने करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान 31 दिसम्बर से 5 जनवरी तक लगाया है। लेकिन अब लगता है कि इससे आधे श्रद्धालु दर्शन को पहुंचेंगे।

31 दिसंबर को महाकालेश्वर मंदिर में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। जहां पिछले वर्ष लाखों में श्रद्धालुओं ने इस दिन भगवान महाकाल के दर्शन किये थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया। मंदिर प्रशासन भीड़ के डर से बार बार मंदिर परिसर और जूना महाकाल परिसर बंद और खुलवाता रहा। यहां तक कि कार्तिकेय मंडपम से भी दर्शन की व्यवस्था पहले से ही कर ली गई। लेकिन जितनी भीड़ आने का अनुमान लगाया गया था, उससे एक चौथाई भीड़ मंदिर में दिखाई दी। लोगों को असानी से भगवान महाकाल के दर्शन होते रहे।

भीड़ कम देख 250 की टिकट चालू रखी

अमूमन प्रतिवर्ष दोनों दिन भीड़ को देखते हुए 250 रुपये की शीघ्र दर्शन टिकट बंद कर दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। चार नंबर गेट के बाहर का टिकट काउंटर चालू रखकर बंद कर दिया जाता। ऐसा रात तक किया जाता रहा। एक नंबर गेट के पास स्थित टिकट काउंटर को बंद ही रखा गया। ऐसे में महाकाल लोक की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन टिकट लेने में परेशान आई। उनको सामान्य श्रद्धालुओं के साथ ही लाइन में लगकर भगवान महाकाल के दर्शन करना पड़े।

आधा एक किलो के लड्डू पैकेट गायब

प्रतिवर्ष लड्डू लाखों रुपये के बिकते हैं। लेकिन इस बार एक नंबर गेट के सामने के काउंटर पर आधा और एक किलो लड्डू के पैकेट गायब रहे। अमूमन ऐसा सभी काउंटरों पर हुआ। केवल 100 रुपये का पैकेट इस काउंटर पर श्रद्धालुओं को मिलता रहा। लड्डू की इस तरह की अव्यवस्था पहली बार देखने में सामने आई।

कुंभ और राम मंदिर पहुंच रहे

इस बार भीड़ पिछली बार के मुकाबले कम आ रही है। शहर के होटल मालिकों का कहना है कि इस बार भीड़ कम आने की सबसे बड़ी वजह यह है कि लोग प्रयागराज कुम्भ और अयोध्या पहुंच रहे हैं। होटल के प्रबंधन ने बताया कि इस बार अपेक्षाकृत बुकिंग कम हुई है। जो लोग कार से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी से आते थे, वे कुम्भ और अयोध्या राम मंदिर जा रहे हैं।

क्राउड मैनेजमेंट और पार्किंग व्यवस्था देखने के लिये सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल अपनी टीम के साथ मानसरोवर गेट पर डटे रहे। यहां के बेरिकेड्स बंद करवा दिये थे, ताकि यहां से पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। यहां के सिक्यूरिटी गार्ड्स को भी निर्देश दे दिये गये थे कि कोई भी कार यहां से पार्किंग की ओर प्रवेश न कर पाये। श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग कर्कराज पार्किंग, भील समाज धर्मशाला, कलोता समाज धर्मशाला, कार्तिक मेला ग्राउंड, हरिफाटक ब्रिज के नीचे हाट बाजार, मेघदूत पार्किंग स्थल पर भेजा जा रहा था।

1 जनवरी के लिए विशेष प्रबंध

  • भस्म आरती: ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग बंद।
  • चलित भस्म आरती का विकल्प: सुबह 4.15 बजे कार्तिकेय मंडपम् से आरती दर्शन ।
  • दर्शन की समयसीमा- 40-45 मिनट।

सामान्य दर्शनार्थी मार्ग

  • प्रवेश: चारधाम मंदिर पार्किंग, नंदी द्वार भवन, शक्ति पथ, गणेश मंडपम्।
  • अधिक भीड़ पर कार्तिकेय मंडपम् से प्रवेश।
  • निर्गम: दर्शन के बाद नई टनल होते हुए हरसिद्धि मंदिर तिराहा, चारधाम मंदिर।

वीआईपी दर्शनार्थी मार्ग

  • प्रवेश: नीलकंठ द्वार, महाकाल लोक कंट्रोल रूम, शंख द्वार, सभा मंडपम्।
  • निर्गम: सभा मंडपम्, कोटितीर्थ कुंड, नीलकंठ द्वार।

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