वीडी क्लॉथ मार्केट की 51 दुकानों में से एक दुकानदार को मिला हाईकोर्ट से स्टे

एनजीटी ने दिये गोवर्धन सागर से 92 अतिक्रमण हटाने के आदेश, इसमें वीडी क्लॉथ मार्केट की 51 दुकानें भी तोड़ी जायेंगी

उज्जैन, अग्निपथ। शहर के गोवर्धन सागर पर हुए अतिक्रमण को लेकर एनजीटी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए वहां सालों से चले आ रहे अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हैं। बताया गया है कि सरकारी जमीन पर सागर के किनारे करीब 92 अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इस फैसले के बाद वहां के रहवासियों और दुकानदारों में हडक़ंप मच गया है। अब नगर निगम और जिला प्रशासन को 4 फरवरी तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करनी है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 3 जनवरी को गोवर्धन सागर पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हैं। जल संरचना पर हुए खिलवाड़ और अतिक्रमण को लेकर एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि नगर निगम उज्जैन इस आदेश का सख्ती से पालन करवाए। सभी अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए।

इसके लिए उज्जैन कलेक्टर और नगर निगम को 4 फरवरी तक का समय दिया गया है। इस फैसले से करीब 51 दुकानें और 40 घर प्रभावित होंगे। इसमें नगर कोट की ओर बने घर, दीवारें और तीन दिशाओं में फैला अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसमें वीडी क्लॉथ मार्केट के पीछे की 51 दुकानें भी अतिक्रमण की चपेट में आ रही थीं। इनको नगरनिगम ने 24 घंटे में पजेशन खाली करने का नोटिस थमाया था।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

सागर की भूमि के सीमांकन के बाद करीब 91 स्ट्रक्चर्स को नोटिस थमाया गया था। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब एनजीटी कोर्ट के आदेश के बाद दो माह का समय मिला है, जिसके बाद कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्य रूप से निर्मल सागर टॉकीज, स्टेट बैंक की गली के पीछे का भाग और वीडी. मार्केट के पीछे के हिस्से का अतिक्रमण शामिल है।

मनीष कोठारी लाये हाईकोर्ट से स्टे

शनिवार को इस निर्णय के खिलाफ विक्रमादित्य क्लॉथ मार्केट बचाव समिति ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए समिति अध्यक्ष रामविलास गुप्ता और प्रबंध संचालक रमेशचंद्र गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मामले में कलेक्टर से दरख्वास्त की थी। लेकिन उन्होंने एनजीटी के निर्देश का हवाला देते हुए मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था।

इन 51 दुकानों से लगभग 1 हजार लोगों की जीविका चलती है। 1972 में हमने जमीन खरीदी थी। सहकारी से किस्तों से मार्केट का निर्माण किया गया। नगरनिगम और टीएमसी से दुकानों का नक्शा पास हुआ है। यह दुकानें सर्वे नंबर 1312 पर बनी हुई हैं। सर्वे नंबर 1281 का झगड़ा है। इससे हमें कोई लेनादेना नहीं है।

लोकल कोर्ट से 2023 में स्टे मिल चुका है। आज शाम को इंदौर हाईकोर्ट से हमारे एक दुकानदार मनीष कोठारी जिनकी दुकान नंबर डी/37 हैं, उनको स्टे मिल चुका है। इसी आधार पर हम सभी दुकानदारों को स्टे मिल जायेगा।

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