लोकायुक्त ने थांदला बीआरसी को रिश्वत लेते पकड़ा रंगे हाथों

थांदला, अग्निपथ। विकास खंड के खंड स्त्रोत समन्वयक संजय सिकरवार ओर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्यामलाल को लोकायुक्त टीम इंदौर ने सोमवार को कार्यालय में स्कूल मान्यता संबंध में 11 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।

लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि। ग्राम बेडवा के रूसमल ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि बेडवा स्थित ज्ञान गंगा एकेडमी जो कि वर्ष 2018 से संचालित होती आ रही है। उसकी वार्षिक मान्यता प्रदान करने हेतु बीआरसी संजय सिकरवार 18 हजार रुपए की मांग कर रहा था। और 11 हजार रुपए में बात तय हुई थी।

शिकायत की पुष्टि होने के बाद केमिकल युक्त रुपए शिकायत करता रूसमल को दिए और जाल बिछा कर शिकायतकर्ता को रिश्वत देने भेजा। जैसे ही रूसमल ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्यामलाल के माध्यम से बीआरसी संजय सिकरवार को रुपए दिए। मोके पर लोकायुक्त टीम ने दोनों को धरदबोचा और हाथ धुलवाए।

बीआरसी कार्यालय भष्ट्राचार का अड्डा बन चुका है। इससे पूर्व के कार्यालय अधिकारी सहित कुछ कर्मचारियों पर खेल सामाग्री मामले में प्रशासनिक गाज गिर चुकी है। बताते है। कि खेल सामाग्री घोटाले मामले में पूर्व सांसद का नाम भी सामने आया था। पर सत्ता सब पचा गई। रिश्वतखोर सिकरवार के बारे जनचर्चा है। कि यह भी भाजपा नेताओं के मुँह लगा हुआ था। इसलिए मनमानी करता था। फिलहाल लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही कर दी है।

बीआरसी कार्यालय की निजी शिक्षण संस्थाओं और मेहरबानी

क्षेत्र में 150 से अधिक निजी शिक्षण का संचालन होता है। प्रदेश शासन ने निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालन के लिए नियम निर्देश लागू कर रखे है। किंतु बीआरसी कार्यालय के जिम्मेदारों की मेहरबानी की बदौलत क्षेत्र में बिना मापदंड के शिक्षण संस्थाओं का संचालन ही रहा है। संजय सिकरवार की तरह पूर्व में भी घुस खाकर कई स्कूलों को मान्यता दे दी गई।

दो-दो कमरों में निजी स्कूलों का संचालन हो रहा है। न लेटबाथ है। ना ही खेल मैदान जैसी कई खामियों के बावजूद निजी स्कूलों का संचालन ही रहा है। कोई जिम्मेदार इस और ध्यान देने वाला नही। जिम्मेदारों ने घुस लेकर जैसे शिक्षा के मंदिर को व्यवसायी दुकानदारी का लाइसेंस दे दिया हो।

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