महाकाल में शिव नवरात्रि प्रारंभ

पहले दिन 11 ब्राह्मणों ने पंचामृत पूजन और उबटन लगाकर भूतभावन को सजाया

उज्जैन, अग्निपथ। सनातन धर्म की परंपरा में जिस प्रकार शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में नवरात्रि मनाई जाती है, उसी प्रकार उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है। शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी से महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलता है। महाशिवरात्रि महापर्व पर श्री महाकालेश्वर मन्दिर में लाखो श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर भगवान जी के दर्शन करते हैं । महाशिवरात्रि महापर्व के नौ दिन पूर्व शिव नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव सोमवार 17 फरवरी से प्रारंभ हो गया है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवनवरात्रि का पर्व सोमवार से शुरू हुआ। सुबह कोटेश्वर महादेव के पूजन के साथ विशेष अनुष्ठान की शुरुआत हुई। गर्भगृह में पुजारी घनश्याम शर्मा के नेतृत्व में 11 ब्राह्मणों ने भगवान महाकाल का पंचामृत पूजन और एकादश-एकादशनी रूद्राभिषेक किया।

भगवान को लगाया चंदन का उबटन, माता को हल्दी अर्पित

भगवान को सर्वप्रथम चंदन का उबटन लगाया गया और स्नान कराया गया। मां पार्वती स्वरूप जलधारी पर हल्दी अर्पित की गई। दोपहर एक बजे भोग आरती के बाद अपराह्न तीन बजे पंचामृत पूजन के पश्चात भगवान का भांग से विशेष श्रृंगार किया गया। पुजारियों ने भगवान को लाल, गुलाबी और पीले रंग के नए वस्त्र पहनाए। साथ ही मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड-माला और छत्र से सजाया गया।

यह विशेष श्रृंगार 25 फरवरी तक शिवनवरात्रि के सभी नौ दिनों तक चलेगा। प्रतिदिन भक्तों को भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन होंगे। पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। 18 फरवरी मंगलवार को श्री महाकालेश्वर भगवान दिव्य श्रृंगार में भक्तो को दर्शन देंगे। सोमवार को शिवनवरात्रि के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।

शिव पंचमी पर चंद्रमौलेश्वर व कोटेश्वर भगवान का पूजन

प्रथम दिन शिव पंचमी को नैवेद्य कक्ष में श्री चन्द्रमौलेश्वर भगवान जी के पूजन किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण स्थित कोटितीर्थ के तट पर सुबह 8 बजे से श्री गणेश पूजन व श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का पूजन-अभिषेक-आरती के साथ शिव नवरात्रि महोत्सव का प्रारम्भ हुआ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक दिवेदी ने 11 ब्राह्मणों को सोला- दुप्पटा व वरुणी भेट की।

प्रात: श्री महाकालेश्वर मन्दिर के श्री गर्भगृह में मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में तथा अन्य 11 ब्राह्मणों ने देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना के साथ श्री महाकालेश्वर भगवान का पंचामृत पूजन, एकादश-एकादशनी रूद्राभिषेक किया गया। अभिषेक उपरांत श्री महाकालेश्वर भगवान को केसर मिश्रित चन्दन का उबटन लगाया गया। साथ ही जलाधारी पर हल्दी अर्पित की गई।

भांग श्रृंगार

दोपहर 3 बजे सांध्य पंचामृत पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान ने भांग श्रृंगार कर निराकार से साकार रूप धारण किया। पुजारी श्री भारत शर्मा द्वारा भगवान का श्रृंगार किया गया। भगवान श्री महाकालेश्वर को लाल, गुलाबी और पीले रंग के नवीन वस्त्र के साथ मेखला, दुपट्टा मुकुट, मुंड-माला, छत्र आदि से किया श्रृंगारित किया।

मंगलवार को होगा विशेष श्रृंगार

18 फरवरी मंगलवार को श्री महाकालेश्वर भगवान दिव्य श्रृंगार में भक्तो को दर्शन देंगे । यह क्रम 17 फरवरी के 25 फरवरी शिव नवरात्रि तक नौ दिनों तक नित्य चलेगा। 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा।

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