उज्जैन, अग्निपथ। संभाग में 17 हजार करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट स्वीकृत हैं। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से संभाग में 790 किलो मीटर की सडक़ें बनाई जायेंगी। इन सडक़ों में नौ पैकेज की वे सडक़ भी शामिल हैं, जो 10 हजार 400 करोड़ रुपये की राशि से बनाई जायेंगी। इस राशि से संभाग की 244 किलो मीटर की सडक़ें बनाई जायेंगी। 244 किलो मीटर की सडक़ बनाने हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है। अब तक 616 करोड़ की राशि भूमि अधिग्रहण में व्यय की गई है। मात्र 49 करोड़ का ही मुआवजा वितरण शेष है।
यह जानकारी मंगलवार को आयोजित एनएचआई विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने संभागायुक्त श्री संदीप यादव को दी। संभागायुक्त श्री यादव ने एनएचआई के संभावित प्रोजेक्ट एवं इसमें होने वाली कठिनाईयों की संभागीय समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 244 किलो मीटर की सडक़ में से 50 किलो मीटर तक की सडक़ बना ली गई है। अब तक 790 किलो मीटर में से 480 किलो मीटर तक की सडक़ें बनाई जा चुकी है। लगभग 180 किलो मीटर की सडक़ अगले वर्ष तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
अधिकारियों ने संभागायुक्त को अवगत कराया कि दो प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसमें शिप्रा नदी से लेकर देवास एवं उज्जैन को कनेक्ट करती हुई सडक़ निर्माण का कार्य शामिल है तथा 41 किलो मीटर की इन्दौर से कनेक्ट करने वाली सडक़ शामिल है। इस सडक़ के निर्माण से ट्रैफिक की समस्या का निराकरण हो जायेगा। यह सडक़ देवास बायपास से उज्जैन तक पहुंचेगी। 244 किलो मीटर की सडक़ों में मंदसौर-रतलाम-झाबुआ मार्ग भी शामिल है।
वर्तमान में 60 किलो मीटर तक की सडक़ बनाई जा चुकी है। इस स्थान पर फोरलेन निकाली जायेगी, जिससे आमजन को अतिरिक्त सुविधा यातायात के क्षेत्र में मिल सकेगी। बताया गया कि 256 करोड़ रुपये डायवर्शन के मुआवजे में वितरित किये जायेंगे। इसके अलावा 850 करोड़ का प्रोजेक्ट कन्नौद-खातेगांव-हरदा मार्ग का है। यह 47 किलो मीटर की सडक़ है। भूमि अधिग्रहण की 34 करोड़ की राशि बांटना शेष है।
अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन-झालावाड़ सडक़ 455 करोड़ रुपये की राशि से बनाई जानी है। पहले इसे फोरलेन में परिवर्तित करना था, किन्तु अब एक्सप्रेस वे में इसे शामिल किया गया है। बताया गया कि विभिन्न स्थानों पर छोटी-छोटी भूमि अधिग्रहण की, मकान, दुकान एवं पेड़ अधिग्रहण की समस्याएं हैं। उज्जैन-झालावाड़ मार्ग गरोठ से शुरू होगा। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी है। इसे जल्द ही बढ़ाया जायेगा। उज्जैन-बदनावर मार्ग के कार्य में तेजी लाई गई है। उज्जैन-उन्हेल-नागदा-जावरा-पेटलावद मार्ग निर्माण की कार्य योजना बना ली गई है। जिन सडक़ों के प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है, उन्हें बारिश से पहले यथासंभव पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। बताया गया कि 870 करोड़ रुपये की राशि के भूमि अधिग्रहण में अवार्ड पारित होना शेष है।