मप्र में अंगदान और देहदान करने वालों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’, सरकार का ऐतिहासिक फैसला!

उज्जैन, अग्निपथ। अब मध्य प्रदेश में अंगदान और देहदान करने वालों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। यह एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहल है जिसकी शुरुआत करीब छह महीने पहले उज्जैन से हुई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी में एम्स में हुए पहले हृदय प्रत्यारोपण के दौरान इसकी घोषणा की थी और अब मंगलवार को मध्य प्रदेश शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री का विजन: अंगदान को प्रोत्साहन और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में हृदय और अन्य अंग प्रत्यारोपण की सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जहां एयर एंबुलेंस पहुंच सकती है, वहां यह सुविधा उपलब्ध होगी, और जहां नहीं, वहां मरीजों को समय पर उपचार मिले, इसके लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने सभी से अंगदान और देहदान को प्राथमिकता देने की अपील की है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को नया जीवन मिल सके।

उज्जैन से उठी थी ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की बात

गौरतलब है कि करीब छह महीने पहले उज्जैन के शंकरपुर के एक व्यक्ति ने अंगदान किया था। उस समय ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की बात उठी थी, लेकिन नियमों के कारण यह संभव नहीं हो पाया था। तब भाजपा नेताओं ने पहल करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस बारे में अवगत कराया था। अब उनके इस ऐतिहासिक निर्णय से अंगदान को एक नई पहचान मिलेगी।

किन्हें मिलेगा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’?

अंगदान देहदान सम्मान का आदेश

अब देहदान करने वाले नागरिकों या हृदय, लिवर, गुर्दे जैसे अंगों का दान करने वाले व्यक्तियों के पार्थिव शरीर को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया जाएगा। मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आदेश को सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को भेजा है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस पहल का उद्देश्य समाज में अंगदान और देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इन महान दानदाताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना है।

आयुष्मान कार्ड और परिजनों का सम्मान

दानदाताओं के परिवारों को आयुष्मान कार्ड प्रदान करने की भी घोषणा की गई थी। इसके साथ ही, सभी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान और अंग प्रत्यारोपण की सुविधाओं के विस्तार की योजना भी तैयार की गई है।

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इस निर्णय को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि देहदान और अंगदान जीवन का सबसे महान दान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह निर्णय निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को अंगदान और देहदान के लिए प्रेरित करेगा, जिससे अनेकों लोगों को नया जीवन प्राप्त होगा।

परिजनों को भी करेंगे सम्मानित

मध्य प्रदेश सरकार ने अंगदान और देहदान करने वाले नागरिकों को सम्मानित करने के साथ-साथ उनके परिजनों को भी सम्मानित करने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अब हर साल दो बार (26 जनवरी और 15 अगस्त को) जिला स्तरीय कार्यक्रमों में इन परिवारों का सम्मान किया जाएगा। स्थानीय अथॉरिटीज को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

अंगदान: दान नहीं, अमरता का नया अध्याय!

https://x.com/DrMohanYadav51/status/1939993957380800557?t=o1BI6VNyCj-rQqyOzsae8g&s=19

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंगदान को लेकर एक हृदयस्पर्शी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने इसे केवल दान नहीं, बल्कि ‘अमरता’ बताया है। यह ट्वीट उनके उस बड़े फैसले के बाद आया है, जिसमें उन्होंने फरवरी 2025 में अंगदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर देने की घोषणा की थी और अब इसका आधिकारिक आदेश भी जारी हो गया है।

मुख्यमंत्री ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “मृत्यु के बाद जीवन का उपहार देना… यह केवल दान नहीं, अमरता है।”

यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश सरकार अंगदान को कितनी गंभीरता और सम्मान के साथ देखती है। सीएम ने आगे कहा, “मध्य प्रदेश सरकार का संकल्प है कि देहदान अथवा हृदय, लीवर व गुर्दा दान करने वाले महान लोगों को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी जाएगी।” यह एक ऐतिहासिक कदम है जो अंगदान को एक नया सम्मान देगा।

इतना ही नहीं, ऐसे दानवीरों के परिजनों को भी सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर उन्हें सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। यह निश्चित रूप से उन परिवारों के लिए गर्व का क्षण होगा जिन्होंने दूसरों को जीवन देने का महान निर्णय लिया है।

यह पहल न केवल अंगदान को बढ़ावा देगी बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देगी कि अंगदान वास्तव में जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।

मध्य प्रदेश में अंगदान की धीमी गति – एक नई उम्मीद

नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) की 2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में कुल 1,099 कैडेवर डोनेशन हुए थे। इनमें से तेलंगाना में सर्वाधिक 222 डोनेशन हुए, जबकि मध्य प्रदेश में यह संख्या मात्र 8 रही। भोपाल की यह सफलता और सरकार का यह नया कदम निश्चित रूप से प्रदेश में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इस नेक कार्य के लिए प्रेरित करने में मील का पत्थर साबित होगी।

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