सावन से पहले खाद्य विभाग अलर्ट की, कार्रवाई
उज्जैन, अग्निपथ। सावन माह शुरू होने से पहले ही, उज्जैन के महाकाल मंदिर क्षेत्र में खाद्य विभाग ने अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और उन्हें शुद्ध भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खाद्य विभाग की टीम ने महाकाल मंदिर के आसपास स्थित होटलों और रेस्टोरेंट में सघन जांच अभियान चलाया। इस औचक निरीक्षण में कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें बासी चावल और खराब पनीर की बरामदगी प्रमुख है।
मंगलवार दोपहर खाद्य अधिकारी बसंत शर्मा और जीएस देवलिया के नेतृत्व में टीम ने महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में स्थित रेस्टोरेंट की गहन जांच की। जांच के दौरान खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए, जिन्हें विस्तृत परीक्षण के लिए भोपाल स्थित लैब में भेजा गया है।
स्वागत भोजनालय में मिला खराब पनीर
जांच टीम ने सबसे पहले महाकाल घाटी स्थित “स्वागत भोजनालय” का रुख किया। यहां टीम को बड़ी गड़बड़ी मिली। जब पनीर की जांच की गई, तो उसमें खराबी स्पष्ट रूप से दिखाई दी। अधिकारियों की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खराब पनीर को जब्त कर लिया और उसे भोपाल स्थित लैब में जांच के लिए भिजवाने हेतु अपने साथ ले गई। यह कार्रवाई होटल संचालकों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कुलचा लाल पराठा दास पर मिला एक दिन पुराना बासी चावल
स्वागत भोजनालय के बाद, टीम “कुलचा लाल पराठा दास” पहुंची। यहां निरीक्षण के दौरान, टीम को फ्रिज में एक दिन पुराना चावल मिला, जो खाने लायक नहीं था। खाद्य विभाग की टीम ने तत्काल संचालक को इस संबंध में समझाइश दी और भविष्य में ऐसी लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी। इस तरह की घटनाएं यह बताती हैं कि कई भोजनालय स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा सकता है।
सावन माह से पहले सख्ती का संदेश
खाद्य अधिकारी बसंत शर्मा ने बताया कि सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचेंगे। इस दौरान भक्त यहां के रेस्टोरेंट में भी भोजन करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिले।
शर्मा ने सभी रेस्टोरेंट संचालकों को अपने प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई बनाए रखने और शुद्ध भोजन परोसने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसी उद्देश्य से यह कार्रवाई की जा रही है और भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे। जब्त किए गए पनीर के नमूनों की जांच की जाएगी और दोनों रेस्टोरेंट संचालकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
यह कार्रवाई न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत भी करती है। महाकाल क्षेत्र में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना प्रशासन का कर्तव्य है, और इस प्रकार की जांचें इस दिशा में आवश्यक हैं। खाद्य विभाग ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।