शाजापुर: नेशनल हाईवे 52 पर 6 गायों की दर्दनाक मौत

6 गायों की दर्दनाक मौत

अज्ञात वाहन ने टक्कर मारकर ले ली जान

शाजापुर, अग्निपथ। शाजापुर जिले में नेशनल हाईवे 52 पर बिजाना जोड़ के पास गुरुवार सुबह एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहाँ 6 गायें मृत पाई गईं। आशंका है कि किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारकर इनकी जान ले ली। 6 गायों की दर्दनाक मौत ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और आवारा मवेशियों की समस्या पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है और वे जिम्मेदार वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

बिजाना जोड़ पर खूनी सुबह: कैसे हुआ हादसा?

गुरुवार सुबह करीब 6 बजे बिजाना जोड़ पर जब स्थानीय लोगों ने 6 गायों को मृत पड़ा देखा तो क्षेत्र में हड़कंप मच गया। प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि तेज रफ्तार किसी वाहन ने इन बेजुबान जानवरों को रौंद दिया।

दुर्भाग्यवश, घटना स्थल पर न तो कोई सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है और न ही कोई चश्मदीद गवाह मिला, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने और किस प्रकार के वाहन ने यह भीषण टक्कर मारी। इस अभाव के कारण दोषी वाहन चालक की पहचान करना मुश्किल हो रहा है।

ग्रामीणों का आक्रोश: “जानवर और आम लोग, दोनों असुरक्षित”

स्थानीय निवासी कुणाल ने 6 गायों की दर्दनाक मौत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों की लापरवाही के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह केवल जानवरों का ही मुद्दा नहीं है, बल्कि इस तरह की लापरवाह ड्राइविंग से आम लोग भी असुरक्षित महसूस करते हैं।” ग्रामीणों ने एक स्वर में मांग की है कि इस घटना के दोषी वाहन चालक के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

बारिश का मौसम और सड़क पर मवेशी: एक जानलेवा कॉकटेल

बारिश का मौसम आते ही शाजापुर शहर की सड़कों पर मवेशियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलती है। ये मवेशी अक्सर सड़क के बीचों-बीच बैठे रहते हैं, खासकर रात के समय। अंधेरे में इन्हें देख पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, जिससे वाहन चालकों के लिए दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

यह स्थिति न केवल मवेशियों के लिए जानलेवा साबित होती है, बल्कि वाहन चालकों और यात्रियों के लिए भी गंभीर चोट या मृत्यु का कारण बन सकती है। इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने और उचित समाधान खोजने की आवश्यकता है।

पुलिस और टोल प्रबंधन की भूमिका: शिकायत और गश्त का सच

कोतवाली थाना प्रभारी संतोष वाघेला ने बताया कि अभी तक 6 गायों की दर्दनाक मौत के संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि टक्कर मारने वाले वाहन की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। नेशनल हाईवे की टीम ने मृत गायों को सड़क से हटाकर यातायात को सुचारु किया।

इस बीच, रोजवास टोल प्रभारी दीपक पांडे ने अपनी टीम का बचाव करते हुए कहा कि उनकी दो गाड़ियां नियमित रूप से गश्त करती हैं और सड़क पर आने वाले मवेशियों को हटाने का काम करती हैं। हालांकि, इस घटना से टोल प्रबंधन की गश्त व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में मवेशी सड़क पर कैसे आ गए और 6 गायों की दर्दनाक मौत हो गया।

जिला मुख्यालय पर भी मंडराता हादसों का साया

शाजापुर जिला मुख्यालय पर भी हाईवे पर रात के समय मवेशियों का डेरा लगा रहता है। इस कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।

हाल ही में एक बाइक सवार मवेशियों के कारण हादसे का शिकार होकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी तरह कार सवार भी हाईवे पर मवेशियों की वजह से कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। कुछ समय पहले ग्राम सनकोटा में भी रात के अंधेरे में एक भारी वाहन ने आधा दर्जन से अधिक मवेशियों को कुचल दिया था। इतने गंभीर हादसों के बावजूद जिम्मेदारों का नहीं जागना एक बड़ी चिंता का विषय है।

समाधान की ओर एक कदम: क्या किया जा सकता है?

यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि शाजापुर जिले में सड़क सुरक्षा और आवारा मवेशियों की समस्या का स्थायी समाधान खोजना कितना महत्वपूर्ण है। इसके लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है:

  • सख्त कानून प्रवर्तन: दोषी वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लापरवाह ड्राइविंग पर लगाम लगाई जा सके।
  • मवेशी प्रबंधन: नगर पालिका और संबंधित विभागों को आवारा मवेशियों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखने के लिए प्रभावी योजना बनानी चाहिए। गौशालाओं को मजबूत करना और उनकी क्षमता बढ़ाना भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
  • जन जागरूकता: वाहन चालकों और स्थानीय लोगों को सड़क पर मवेशियों की मौजूदगी और उनसे होने वाले खतरों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
  • हाईवे पर प्रकाश व्यवस्था: रात के समय दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाईवे के संवेदनशील बिंदुओं पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • टोल प्लाजा की जिम्मेदारी: टोल प्लाजा को अपनी गश्त व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके अधिकार क्षेत्र में कोई भी मवेशी सड़क पर न आए।
  • सीसीटीवी निगरानी: महत्वपूर्ण दुर्घटना संभावित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि ऐसे हादसों में दोषियों की पहचान आसानी से की जा सके।

यह घटना एक चेतावनी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। शाजापुर प्रशासन और संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके और नागरिकों तथा बेजुबान जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।