धार, अग्निपथ। आदिवासी बहुल धार जिले की सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहद चिंताजनक है। नया शिक्षा सत्र 16 जून से शुरू हो चुका है, मगर धार में 150 से ज्यादा स्कूल शिक्षक विहीन हैं, जहाँ बच्चों को पढ़ाने वाला एक भी शिक्षक नहीं है। शिक्षकों के इस भारी अभाव के कारण कई स्कूलों में तालाबंदी की नौबत आ गई है।
यह समस्या विभाग से भी छिपी नहीं है। हर साल शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अतिथि शिक्षकों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिनके भरोसे ही जिले की शिक्षा व्यवस्था चल रही है। हालाँकि, इस बार अभी तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसका परिणाम है कि दूरस्थ अंचलों में स्कूल समय पर नहीं खुल रहे हैं। और जहाँ बच्चे आते भी हैं, वहाँ उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं होते।
अधिकारी दबी जुबान में मानते हैं कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहाँ वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नजदीकी स्कूलों से शिक्षकों को भेजा जा रहा है, ताकि यह संदेश न जाए कि स्कूल नहीं खुल रहे हैं।
गंधवानी में सर्वाधिक 40 स्कूल शिक्षक विहीन
जिले के 13 ब्लॉकों में से 12 विकासखंड जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत आते हैं। इनमें सबसे अधिक गंधवानी ब्लॉक में 40 शालाएं शिक्षक विहीन हैं। इसके अतिरिक्त, बाग में 20, टांडा में 18, डही में 22 सहित उमरबन, नालछा और सरदारपुर ब्लॉक में भी कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इन सभी स्कूलों में हर साल पढ़ाई के लिए अतिथि शिक्षकों की मदद ली जाती है।
जहाँ एक ओर शिक्षा विभाग द्वारा बदनावर ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आदेश आ चुका है, वहीं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अभी तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी, शहरी मोह
शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी स्पष्ट दिखाई देती है। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि कई नियमित शिक्षक पहाड़ी और आदिवासी अंचलों में पढ़ाने के इच्छुक नहीं होते। स्थानांतरण के बाद भी कई शिक्षकों ने अभी तक स्कूलों में पदभार ग्रहण नहीं किया है, जिसके कारण भी शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
जिले में कुल:
- 2330 प्राथमिक शालाएँ
816 मिडिल शालाएँ - 270 हाईस्कूल
- 114 हायर सेकेंडरी शालाएँ
इनका कहना
शिक्षक विहीन शालाओं में अतिथि शिक्षक रखने के लिए आदेश का इंतजार है। दो से तीन दिन में आदेश आ सकते हैं। सभी बीईओ को आदेश दिया है कि जहाँ दो शिक्षक हैं, वहाँ से एक शिक्षक को अन्यत्र शाला में भेजा जाए, ताकि स्कूल नियमित खुलें और पढ़ाई प्रभावित न हो।
— नरोत्तम वरकड़े, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग