उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ 2028 की तैयारियां अब तेज रफ्तार पकड़ चुकी हैं। उज्जैन में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों को समय सीमा में पूरा करने के उद्देश्य से रविवार को संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने और पारदर्शिता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने खासतौर पर घाट निर्माण, शिप्रा शुद्धिकरण, सड़कों का विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़ी परियोजनाओं पर गंभीरता से कार्य करने का आह्वान किया।
घाटों का निर्माण और शिप्रा शुद्धिकरण सर्वोच्च प्राथमिकता
अपर मुख्य सचिव ने विशेष रूप से शिप्रा नदी पर बनाए जा रहे घाटों के निर्माण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के लिए घाटों का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे समय सीमा में हर हाल में पूरा करना होगा। बताया गया कि भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए घाटों पर हाई मास्ट लाइटें लगाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, शिप्रा शुद्धिकरण, कान्ह डायवर्जन और हरिया खेड़ी प्रोजेक्ट की प्रगति का भी जायजा लिया गया। संबंधित टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी प्रस्तुत की गई, ताकि सभी कार्य पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ें।
सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हजारों करोड़ का निवेश
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में बताया गया कि सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं हाथ में ली गई हैं, जिन पर हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
- इंदौर से सीधी कनेक्टिविटी: शनि मंदिर से चिंतामन गणेश मंदिर तक 5 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण 30 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। यह मार्ग इंदौर से आने वाले यातायात को सीधे सिंहस्थ मेला क्षेत्र तक सुगम पहुंच प्रदान करेगा।
- शहर को बाईपास: रामवासा से नरवर तक 7 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है। यह सड़क इंदौर और मक्सी से आने वाले भारी वाहनों को देवास मार्ग पर पहुंचाकर उज्जैन शहर में प्रवेश की आवश्यकता को समाप्त कर देगी, जिससे शहर के भीतर यातायात का दबाव कम होगा।
- रेलवे स्टेशन से सुगम मार्ग: धर्मबड़ला से नईखेड़ी तक 6 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिससे नईखेड़ी रेलवे स्टेशन से मेला क्षेत्र तक पहुंच आसान होगी।
- अन्य महत्वपूर्ण मार्ग: आगरा रोड से पंवासा पंचक्रोशी तक 10 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़क और सोदंग से नईखेड़ी तक 9 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़क का निर्माण 25 करोड़ रुपये की लागत से होगा, जो रेलवे स्टेशन से भैरवगढ़ और मंगलनाथ होते हुए सिंहस्थ क्षेत्र तक पहुंचने के लिए मार्ग चौड़ीकरण का कार्य करेगी।
शहर के भीतर भी हो रहा व्यापक बदलाव
बैठक में सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की भी जानकारी दी गई। महाकाल लोक कॉरिडोर में प्रस्तर प्रतिमाओं के निर्माण और स्थापना सहित अन्य कार्यों पर लगभग 75 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। हरिफाटक ब्रिज को चौड़ा करने की कार्रवाई भी चल रही है। इसके अलावा, वीर दुर्गादास छत्री का 45 लाख रुपये की लागत से विकास कार्य प्रगति पर है। नरसिंह घाट पर 15.99 करोड़ की लागत से कंपोजिट कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिसके लिए निविदा स्वीकृत हो चुकी है। तपभूमि और महाकाल लोक में 3.66 करोड़ रुपये की लागत से नए थाना भवन भी बनाए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शहर की स्वास्थ्य सेवाओं और आवास व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। जीवाजी गंज सिविल अस्पताल को 20 से 50 बेड का किया जा रहा है, जबकि माधव नगर अस्पताल की क्षमता को 100 से बढ़ाकर 200 बेड किया जाएगा। विभिन्न होटलों, जैसे ग्रैंड होटल, शिप्रा रेजिडेंसी, अवंतिका होटल और महाराज वाड़ा होटल का उन्नयन कार्य पीपीपी मॉडल के तहत किया जा रहा है, जिससे कमरों की संख्या में वृद्धि होगी।
इसके अलावा, बाहर से आने वाले पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में 250 सीटों वाली व्यवस्था की जाएगी। रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 1.26 किलोमीटर के रोपवे निर्माण की भी योजना है, जिसकी लाइन कैलकुलेशन को मंजूरी मिल चुकी है।
बैठक में पार्किंग स्थलों के निर्माण, घाटों पर छाया के लिए वृक्षारोपण और लाइटिंग व्यवस्था पर भी विशेष जोर दिया गया। अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान यातायात और सिंहस्थ 2028 के दौरान संभावित भीड़ का उचित आकलन कर पार्किंग की कार्ययोजना तैयार करें। घाटों के सौंदर्यीकरण और लाइटिंग की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है, ताकि सिंहस्थ 2028 को एक ऐतिहासिक और यादगार आयोजन बनाया जा सके।
सिंहस्थ 2028 से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQ)
सिंहस्थ 2028 का आयोजन कहाँ होने वाला है?
सिंहस्थ 2028 का आयोजन मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में होने जा रहा है, जो कि एक ऐतिहासिक और धार्मिक महाकुंभ है।
सिंहस्थ 2028 के लिए कौन-कौन से प्रमुख विकास कार्य हो रहे हैं?
प्रमुख विकास कार्यों में घाट निर्माण, शिप्रा शुद्धिकरण, फोरलेन सड़कों का निर्माण, श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु अस्पताल, होटल और रोपवे जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।
शिप्रा नदी शुद्धिकरण में क्या-क्या शामिल है?
शिप्रा शुद्धिकरण के तहत घाटों का विकास, हाई मास्ट लाइटें, कान्ह डायवर्जन प्रोजेक्ट और हरिया खेड़ी योजना जैसी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
महाकाल लोक और अन्य धार्मिक स्थलों पर क्या काम हो रहा है?
महाकाल लोक कॉरिडोर में प्रस्तर प्रतिमाएं, नए थाना भवन, वीर दुर्गादास छत्री का विकास और नारसिंह घाट पर कंट्रोल रूम जैसे कार्य हो रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए क्या सुविधाएं तैयार की जा रही हैं?
श्रद्धालुओं के लिए अस्पतालों का विस्तार, होटलों का उन्नयन, रोपवे सुविधा, वृक्षारोपण और लाइटिंग जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।