अपात्र राशन कार्डधारकों को नोटिस: धार में 3771 परिवारों पर गिरेगी गाज

धार, अग्निपथ। सरकारी उचित मूल्य की दुकानों से वितरित होने वाले अनाज का लाभ लेने वाले कई अपात्र परिवारों पर अब खाद्य विभाग कार्रवाई करने जा रहा है। केंद्र सरकार की जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिले में कई आयकरदाता और 6 (छह) लाख रुपये से अधिक आय वाले परिवार भी मुफ्त राशन ले रहे थे। इस गड़बड़ी के चलते खाद्य विभाग ने जिले के 3,771 (तीन हजार सात सौ इकहत्तर) कार्डधारकों को नोटिस जारी किए हैं।

यदि इन कार्डधारकों से संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिला तो उनके राशन पात्रता पर्ची से नाम विलोपित कर दिए जाएँगे। विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद अभी तक 1,500 (पंद्रह सौ) लोगों ने जवाब प्रस्तुत किए हैं, जबकि शेष से जानकारी माँगी गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया 10 (दस) दिन में पूर्ण होगी और उसके बाद अपात्रों के नाम काटे जाएँगे। धार जिले में वर्तमान में 3,67,852 (तीन लाख सड़सठ हज़ार आठ सौ बावन) कार्डधारक परिवारों के लगभग 15,78,000 (पंद्रह लाख अठहत्तर हज़ार) सदस्यों को राशन वितरित किया जाता है। ई-केवायसी और राशन पर्ची को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया में कई अपात्र पाए गए हैं।

9 हजार मीट्रिक टन अनाज का वितरण

शासन द्वारा पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को प्रत्येक महीने 5 (पाँच) किलो अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 15,70,678 (पंद्रह लाख सत्तर हज़ार छह सौ अठहत्तर) सदस्यों के हिसाब से 9,000 (नौ हज़ार) मीट्रिक टन अनाज का वितरण हो रहा है। जिले में साढ़े 15  लाख से अधिक सदस्यों की ई-केवायसी हुई है।

एक महीने से चल रही प्रक्रिया, 10 दिन में पूर्ण करने का दावा

विभाग द्वारा आयकर दाता की श्रेणी में पाए गए कार्डधारकों की जानकारी अपडेट की जा रही है। यह प्रक्रिया लगभग एक महीने से चल रही है। अब तक 40  प्रतिशत लोगों ने अपना जवाब पेश किया है, जबकि शेष 60 प्रतिशत की ओर से जवाब आना शेष है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 10 दिन के अंदर बाकी बचे लोगों से भी जवाब तलब कर जाँच की जाएगी। इसके आधार पर पात्र और अपात्र का निर्णय लेकर नाम विलोपित किए जाएँगे।

पूर्व में आठ हजार से अधिक मृतकों के नाम सूची से हटाए

विभागीय सर्वे में कई ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए, जो मृत थे। फिर भी उनके नाम से परिजन राशन प्राप्त कर रहे थे। विभाग का दावा है कि ऐसे करीब साढ़े आठ हज़ार लोगों के नामों को खाद्यन्न सूची से हटाया गया है। पिछले साल तक मृतक हो चुके लोगों के नाम पर राशन जारी होता रहा था। हर महीने लगभग 400 से 425 क्विंटल अनाज आवंटित होता था। नाम हटाने के बाद राशन की हेराफेरी अब कम हो गई है।

अपात्र होने के सामने आए कुछ ऐसे कारण

  1. होम लोन के लिए रिटर्न फाइल बनाई, तो करदाता बना दिया पीथमपुर के वार्ड 6 (छह) निवासी बाबूलाल महाजन को खाद्य विभाग ने आयकर श्रेणी में होने पर नोटिस दिया था। जिसके जवाब में महाजन ने बताया कि वह कोई करदाता नहीं हैं। होम लोन के लिए आयकर रिटर्न फाइल तैयार की थीं, जिसके बाद आयकर दाता की सूची में उनका नाम आ गया। योगेश सिंह राणा को भी ऐसा ही नोटिस मिला है, जो खुद किराए के मकान में रह रहे हैं।
  2. बैंक लोन के लिए आवेदन तिरला निवासी विजय और अमृत जाट को भी खाद्य विभाग ने नोटिस भेजा था। दोनों को आयकर दाता बताया गया है। उनका कहना है कि उन्होंने बैंक लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके लिए आयकर रिटर्न की अलग से जानकारी भरकर दी थी। विभाग द्वारा जाँच पूरी होने तक कार्रवाई को पेंडिंग रखा गया है।

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