अरुण यादव का सरकार पर तीखा हमला: भावांतर योजना फ़्लॉप, मंडी बोर्ड को क़र्ज़ में डुबोने की साज़िश

खरगोन, अग्निपथ। मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने राज्य और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर कड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि सरकार मंडी बोर्ड को एक हज़ार पाँच सौ करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिलवाकर उसे बंद करने की साज़िश रच रही है। रविवार, छब्बीस अक्टूबर को भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भावांतर योजना को पूरी तरह विफ़ल बताते हुए कहा कि यह योजना किसानों के हितों के लिए नहीं, बल्कि व्यापारियों और ठेकेदारों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए दोबारा लागू की जा रही है।

अरुण यादव ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सरकार को किसानों के लिए पैसा देना है, तो वह ख़ुद क़र्ज़ क्यों नहीं लेती? उन्होंने खुलासा किया कि मंडी बोर्ड पर पहले से ही राज्य सरकार की एक हज़ार सात सौ करोड़ रुपये की लेनदारी बाक़ी है।

समर्थन मूल्य पर अनदेखी पूर्व केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री यादव ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनिश्चितता पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश से होने के बावजूद किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा है।

  • सोयाबीन का समर्थन मूल्य पाँच हज़ार तीन सौ अट्ठाईस रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि किसानों को सिर्फ़ तीन हज़ार पाँच सौ रुपये तक भाव मिल रहा है।
  • मक्का का एमएसपी दो हज़ार दो सौ पच्चीस रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन बाज़ार में किसानों को कम दाम मिल रहे हैं।
  • कपास उत्पादक किसान भी उपेक्षित हैं और समर्थन मूल्य पर ख़रीदी ठप्प है।

कृषि तंत्र के निजीकरण का आरोप श्री यादव ने आरोप लगाया कि मंडी बोर्ड को क़र्ज़ में फ़ँसाने की यह पूरी योजना कृषि व्यवस्था को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपने की साज़िश है, जिसका सीधा फ़ायदा ठेकेदारों और कॉर्पोरेट लॉबी को होगा।

उन्होंने बुरहानपुर के केला उत्पादक किसानों की बदहाली का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अतिवृष्टि से फ़सल ख़राब होने के बावजूद उन्हें न तो फ़सल बीमा का लाभ मिला और न ही कोई राहत राशि, क्योंकि केले की फ़सल का बीमा ही नहीं किया गया।

कांग्रेस की प्रमुख माँगें कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि:

  1. मंडी बोर्ड को क़र्ज़ से बचाया जाए और इसे बंद करने की साज़िश रोकी जाए।
  2. भावांतर योजना को तत्काल बंद कर सोयाबीन, मक्का और कपास की एमएसपी पर ख़रीदी सुनिश्चित की जाए।
  3. बुरहानपुर के केला किसानों को उचित दाम और फ़सल बीमा का लाभ दिया जाए।

अरुण यादव ने अंत में कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी किसानों की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेगी और किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष जारी रखेगी। ।

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