उज्जैन, अग्निपथ। पुलिस चैकिंग के दौरान शनिवार रात एमपीईबी के वरिष्ठ अधिकारी देवीसिंह चौहान पुलिस की कार्रवाई के बाद से सदमें में हैं। इसी के चलते घटना के अगले दिन रविवार शाम को अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। घबराहट और सिर दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ शुरू होने पर परिजन उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर्स ने हालत गंभीर देखते हुए आईसीयू में भर्ती किया। सांस लेने में आ रही तकलीफ पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट देना पड़ा। हालांकि सोमवार सुबह स्वास्थ्य में सुधार होने पर चौहान ने मीडियाकर्मियों से चर्चा कर अपना पक्ष रखते हुए घटना बताई।
अधीक्षण यंत्री देवीसिंह चौहान ने बताया कि वे एमपीईबी में संभागीय प्रभारी हैं। संभाग की बिजली सप्लाई उनकी निगरानी में होता है । शनिवार को वे अपने ड्राइवर बाबूराव को साथ लेकर कायथा, तराना, बिछडोद, माकड़ौन और रूपाखेड़ी जोन कार्यालय पर बिजली सप्लाई का निरीक्षण करने गए थे। वापसी में लौटते वक्त खेड़ापति जोन जाना था। पूरे समय ड्राइवर गाड़ी चला रहा था लेकिन वापसी के समय गाड़ी उन्होंने ले ली थी।
उज्जैन पहुंचने पर चिमनगंज मंडी गेट के सामने दरगाह चौराहे पर दो पुलिस कर्मियों ने उनका सरकारी वाहन रोका और अभद्रता से बात करते हुए साइड में लगाने को कहा। इस पर एसई चौहान ने अपना परिचय दिया, तो पीछे से एक पुलिसकर्मी ने गाली दी। उन्होंने गाली देने से मना किया। और बताया कि वे एमपीईबी के वरिष्ठ अधिकारी हैं लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। इसी दौरान टीआई और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आ गए। उन्होंने आरक्षकों को समझाइश देने की बजाय अभद्रता करते हुए थाने ले जाने को कहा।
एस ई ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस ने मुक्के और थप्पड़ से मारपीट की। इसके बाद थाने ले गए यहां भी गाली गलौज की गई। ड्राइवर बाबूराव भी कहते रहे कि वे साहब हैं मारपीट ना करो लेकिन पुलिस ने ड्राइवर को भी लात घुसे से पीटा।
एमपीईबी कर्मचारियों का पुलिस कार्रवाई को लेकर टावर चौक पर प्रदर्शन
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सोमवार को एमपीईबी (मध्यप्रदेश विद्युत मंडल) के कर्मचारियों ने टावर चौक पर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अधीक्षण यंत्री (एसई) और पुलिस अधिकारियों के बीच हुए विवाद में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। घटना रविवार रात चिमनगंज मंडी गेट चौराहे की है, जब पुलिस चेकिंग के दौरान एमपीईबी के अधीक्षण यंत्री डी.वी. सिंह चौहान और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद पुलिस ने एसई चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
टावर चौक पर धरना देते हुए चौहान का कहना है कि तराना से लौटते समय पुलिस ने चेकिंग के बहाने उन्हें रोका और अभद्रता करते हुए मारपीट की। वहीं, पुलिस का पक्ष है कि चेकिंग के दौरान चौहान ने जवान हरिचरण तंवर के साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की, जिससे टीआई की वर्दी फट गई। जवान हरिचरण की शिकायत पर चौहान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। एफआईआर दर्ज होने से नाराज एमपीईबी कर्मचारियों ने टॉवर चौक पर प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष सी. के. वैष्णव ने बताया कि ड्यूटी से लौट रहे अधीक्षण यंत्री के साथ हुई अभद्रता, छह घंटे थाने में बैठाए रखने और एफआईआर दर्ज करने का विरोध किया जाएगा। हम मांग करते हैं कि एफआईआर निरस्त कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन किया जाएगा और मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की मांग की जाएगी।
