नलखेड़ा, अग्निपथ। लंबे समय से खराब स्थिति में पड़ी लखुंदर नदी पुलिया की सड़क पर आखिरकार डामरीकरण का काम पूरा हो गया। यह पुलिया, जो नलखेड़ा शहर के प्रवेश द्वार पर है, यहाँ के निवासियों और आसपास के गाँव से आने वाले श्रद्धालुओं, व्यापारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कई महीनों से यह पुलिया गड्ढों और उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए जोखिम भरी बनी हुई थी।
पुलिया की इस दयनीय स्थिति पर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार ध्यान दिलाया जा रहा था। ज्ञापन दिए गए और स्थानीय समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित कर शासन से इस समस्या को हल करने की मांग की गई थी। इसके बाद लोक निर्माण सेतु निगम सक्रिय हुआ और मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात में पुलिया पर डामरीकरण का काम किया गया।
इस काम के शुरू होते ही श्रेय लेने की होड़ ने स्थानीय राजनीति को गरमा दिया है। एक ओर, नगर परिषद के अध्यक्ष प्रतिनिधि और पार्षदों का कहना है कि उन्होंने मिट्टी हटाकर और अधिकारियों को पत्र भेजकर इस पर दबाव बनाया था। वहीं, दूसरी ओर, शहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले उन्होंने नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी को ज्ञापन देकर काम न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। जनता इस पूरी श्रेय की लड़ाई को चुपचाप देख रही है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि भले ही पुलिया का डामरीकरण हो गया हो, लेकिन यदि पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की गई तो कुछ ही समय में सड़क फिर से खराब हो सकती है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुल पर नाबालिग और युवा रेसिंग न करें, जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
आम जनता को सेतु निगम के अधिकारियों से उम्मीद है कि पुलिया की नियमित देखभाल और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि लोगों को बार-बार जोखिम भरे हालात का सामना न करना पड़े। डामरीकरण से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है। वे अब सुरक्षित और सहज तरीके से पुल पार कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल, सड़क की मरम्मत से ज्यादा सोशल मीडिया पर चल रही श्रेय लेने की दौड़ चर्चा का विषय बनी हुई है।
